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फ्रांस में एआई समिट: पीएम मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की बैठक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर हुई चर्चा

फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित एआई एक्शन समिट 2025 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच अहम मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के भविष्य, तकनीकी विकास, रोजगार, वैश्विक सहयोग और नियामकीय नीतियों पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि एआई इंसानों की जगह नहीं ले सकता, बल्कि यह उन्हें अधिक उत्पादक और स्वतंत्र बना सकता है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने भी पीएम मोदी के विचारों का समर्थन किया और कहा कि एआई के अधिक विनियमन से इस उद्योग की तरक्की बाधित हो सकती है।

🔹 पीएम मोदी: एआई भविष्य का कोड लिख रहा है

एआई समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एआई सिर्फ एक तकनीकी परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह राजनीति, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और समाज को नया रूप देने वाला नवाचार है।

पीएम मोदी के मुख्य विचार:
✔️ “AI 21वीं सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है।”
✔️ “यह स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में बदलाव लाकर लाखों लोगों के जीवन को सुधार सकता है।”
✔️ “हमें एआई-संचालित भविष्य के लिए लोगों को नए कौशल प्रदान करने में निवेश करने की जरूरत है।”

“नौकरियों का नुकसान एआई का सबसे बड़ा डर है, लेकिन इतिहास ने दिखाया है कि प्रौद्योगिकी काम को खत्म नहीं करती, बल्कि उसकी प्रकृति बदल देती है।”

🔹 जेडी वेंस: एआई इंसानों की जगह नहीं ले सकता

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी की बातों से सहमति जताई और कहा कि एआई इंसानों की जगह नहीं लेगा, बल्कि उनकी उत्पादकता और स्वतंत्रता को बढ़ाएगा।

👉 “मैं पीएम मोदी की बात की सराहना करता हूं। एआई लोगों के लिए अधिक अवसर पैदा करेगा।”
👉 “AI का अत्यधिक विनियमन उद्योग की तरक्की रोक सकता है, हमें इसे संतुलित रखना होगा।”
👉 “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि AI तकनीक अमेरिका और दुनिया भर में स्वर्ण मानक बनी रहे।”

एआई उद्योग में अधिक सरकारी हस्तक्षेप से बचने की सलाह:
✔️ “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि एआई किसी भी तरह के राजनीतिक या वैचारिक पूर्वाग्रह से मुक्त रहे।”
✔️ “हम अमेरिकी एआई को सत्तावादी सेंसरशिप के लिए एक उपकरण बनने नहीं देंगे।”

🔹 वैश्विक एआई नीति पर अमेरिका और भारत का सहयोग

इस बैठक में वैश्विक स्तर पर एआई की भूमिका और दोनों देशों के सहयोग पर भी चर्चा हुई।

भारत और अमेरिका मिलकर AI को अधिक नैतिक और पारदर्शी बनाने पर सहमत हुए।
AI को रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के लिए उपयोग करने की रणनीति पर सहमति बनी।
AI के क्षेत्र में दोनों देशों की कंपनियों के बीच निवेश और साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

🔹 एआई एक्शन समिट 2025: प्रमुख बिंदु

सम्मेलन की सह-अध्यक्षता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने की।
प्रमुख उद्देश्य: AI के नैतिक उपयोग, गोपनीयता, नियामकीय नीतियों और वैश्विक सहयोग पर चर्चा।
अमेरिकी नीति: AI को ‘वर्कर-फ्रेंडली’ बनाए रखने और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देना।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा:
👉 “फ्रांस और भारत तकनीकी संप्रभुता की दिशा में काम कर रहे हैं।”
👉 “हम अमेरिका और चीन के साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन उन पर निर्भर नहीं रहना चाहते।”

🔹 भारत के लिए AI समिट का क्या महत्व?

PM मोदी ने इस सम्मेलन में भारत की AI नीति को स्पष्ट किया:
भारत AI के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग पर जोर देगा।
AI को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और स्टार्टअप क्षेत्र में विस्तार मिलेगा।
AI के क्षेत्र में वैश्विक भागीदारों के साथ मिलकर नीति निर्माण किया जाएगा।

AI समिट 2025 ने भारत, अमेरिका और फ्रांस के बीच तकनीकी सहयोग के नए द्वार खोल दिए हैं।
भारत और अमेरिका ने इस क्षेत्र में मजबूत भागीदारी के संकेत दिए हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर AI उद्योग को मजबूती मिलेगी।
PM मोदी और जेडी वेंस के विचारों ने यह स्पष्ट कर दिया कि AI इंसानों की जगह नहीं लेगा, बल्कि उनके लिए नए अवसर और नौकरियां पैदा करेगा।

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