प्रधानमंत्री मोदी का काराकाट से संदेश: ऑपरेशन सिंदूर से आतंक पर भारत की निर्णायक कार्रवाई
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई को बिहार के काराकाट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आतंकवाद, माओवादी हिंसा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का हवाला देते हुए आतंकियों और उनके समर्थकों को कड़ा संदेश दिया।“
पीएम मोदी ने बताया कि आज का भारत आतंक के खिलाफ सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाकर आतंक के ठिकानों को जड़ से खत्म करता है।
ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र और आतंकियों को चेतावनी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए दुश्मनों को यह दिखा दिया कि देश की ताकत क्या है। उन्होंने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा:
“अगर आतंक का फन दोबारा उठेगा तो भारत उसे बिल से खींचकर कुचल देगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल एक झलक थी और भारत के पास ऐसी कई रणनीतियाँ मौजूद हैं जो जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल की जाएंगी।
आतंकियों को मिली कल्पना से परे सजा
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्होंने बिहार से वादा किया था कि दोषियों को उसकी कल्पना से परे सजा मिलेगी। अब उन्होंने उसी धरती से ऐलान किया कि
“हमने वचन निभाया है, उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया गया है।”
उन्होंने पाकिस्तान को भी चेताया और कहा कि जिस पाकिस्तानी सेना की छत्रछाया में आतंकी खुद को सुरक्षित मानते थे, अब वे भी भारतीय सेना के आगे घुटने टेक चुके हैं।
बिहार की वीर भूमि का गौरव
पीएम मोदी ने बिहार को वीर कुंवर सिंह की धरती बताते हुए कहा कि यहां के युवा देश की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित करते हैं।
उन्होंने BSF सब-इंस्पेक्टर इम्तियाज की शहादत को श्रद्धांजलि दी और बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे जवानों ने अभूतपूर्व पराक्रम और साहस दिखाया।
बीएसएफ की भूमिका और सीमाओं की सुरक्षा
प्रधानमंत्री ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) को भारत की सुरक्षा की अभेद दीवार कहा। उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं की रक्षा करना, जवानों के लिए मातृभूमि की सेवा का धर्म है।
हर भारतवासी को बीएसएफ के साहस और समर्पण पर गर्व होना चाहिए।
नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार और विकास की दिशा में प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बिहार के सासाराम, कैमूर और आसपास के जिलों में पहले फैले नक्सलवाद का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक लोग डर के साए में रहते थे, सरकारी योजनाएं लोगों तक नहीं पहुंच पाती थीं।
“माओवादियों को बाबासाहेब के संविधान पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने बंदूक उठाई। लेकिन हमने संविधान की ताकत से उनका जवाब दिया।”
नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि बुरे हालात में भी विकास की कोशिशें की गईं। उन्होंने कहा कि पहले अस्पताल, स्कूल, मोबाइल नेटवर्क तक माओवादियों के खौफ के कारण नहीं पहुंचते थे, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
2014 के बाद बदलाव की लहर
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि:
- 2014 से पहले देश में 125 से अधिक जिले नक्सल प्रभावित थे।
- अब यह संख्या घटकर सिर्फ 18 जिलों तक सीमित रह गई है।
“हमने माओवादियों को उनके कर्मों की सजा दी है और युवाओं को विकास की धारा से जोड़ा है।”
शांति, सुरक्षा और शिक्षा को सर्वोपरि बताया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में हर गांव तक शांति, सुरक्षा और शिक्षा बिना किसी बाधा के पहुंचेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जंगलराज अब इतिहास बन चुका है।
बिहार अब टूटी सड़कों, खराब रेलवे लाइनों और डर की संस्कृति से बाहर निकल चुका है।
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प्रधानमंत्री मोदी काराकाट भाषण के ज़रिए एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत आतंकवाद और माओवादी हिंसा को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुधार, BSF के साहस और युवाओं को विकास से जोड़ने के प्रयास—ये सभी मिलकर एक शक्तिशाली और स्थिर भारत की नींव रख रहे हैं।
बिहार से दिया गया यह संदेश केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना से ओत-प्रोत था।