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‘मन की बात’ में पीएम मोदी बोले – संविधान हमारा पथ प्रदर्शक, देशवासियों से प्रस्तावना पढ़ने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस बार संविधान पर जोर दिया। उन्होंने इसे देश का पथ प्रदर्शक बताते हुए देशवासियों से संविधान की प्रस्तावना पढ़ने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का प्रतिबिंब है।”

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “संविधान हमारे देश के लिए एक मार्गदर्शक है, जो हमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।” उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को संविधान की प्रस्तावना पढ़ने और उसे समझने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2024 की आखिरी ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुए संविधान और महाकुंभ 2025 के महत्व पर चर्चा की। पीएम मोदी ने संविधान को देश का पथ प्रदर्शक बताया और इसके 75 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को सराहा। उन्होंने कहा, “2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है। हमारे संविधान निर्माताओं ने जो हमें संविधान सौंपा है, वह हर समय की कसौटी पर खरा उतरा है।”

महाकुंभ 2025 की भव्य तैयारियां

प्रधानमंत्री ने आगामी महाकुंभ 2025 का जिक्र करते हुए बताया कि यह आयोजन 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होगा। उन्होंने इसे ‘विविधता में एकता’ का सबसे बड़ा उदाहरण बताया। पीएम ने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक है। इसमें करोड़ों श्रद्धालु, लाखों संत और सैकड़ों परंपराएं शामिल होती हैं।”

आधुनिक तकनीक और एआई का उपयोग

पीएम मोदी ने महाकुंभ 2025 में आधुनिक तकनीकों और एआई के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार इस आयोजन में एआई आधारित चैटबॉट का उपयोग किया जाएगा, जो 11 भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी हर जानकारी देगा।

  • डिजिटल नेविगेशन: श्रद्धालु घाटों, मंदिरों और अखाड़ों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
  • एआई संचालित कैमरे: खोए हुए लोगों को उनके परिजनों से मिलाने में मदद करेंगे।
  • डिजिटल खोया-पाया केंद्र: मेला क्षेत्र में इस सुविधा का लाभ लिया जा सकेगा।

महाकुंभ का सामाजिक संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में विभाजन और नफरत की भावना को मिटाने का भी संदेश देता है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे कुंभ में भाग लेते समय एकता और भाईचारे का संकल्प लें।

डिजिटल युग का कुंभ

डिजिटल तकनीकों और एआई के समावेश के साथ महाकुंभ 2025 आधुनिकता और परंपरा के अद्भुत संगम का प्रतीक बनेगा। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन के रूप में याद किया जाएगा।



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