एमएसएमई क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी, पीएम मोदी ने वेबिनार में दिए अहम सुझाव
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) वेबिनार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में एमएसएमई की संख्या 6 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है, जिससे करोड़ों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं।“
बजट में एमएसएमई की परिभाषा का विस्तार
पीएम मोदी ने बताया कि 2020 में एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन किया गया था, जो 14 साल बाद पहली बार हुआ। इस बदलाव से छोटे उद्योगों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने का आत्मविश्वास मिला और सरकारी योजनाओं से वंचित होने का डर खत्म हुआ। इस साल के बजट में एमएसएमई की परिभाषा का और विस्तार किया गया है ताकि वे अधिक सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
एमएसएमई को आसानी से और सस्ते लोन देने की योजना
पीएम मोदी ने एमएसएमई को कम लागत और समय पर लोन दिलाने के लिए नए तरीकों को अपनाने की जरूरत बताई।
- क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया।
- एमएसएमई को आर्थिक सहयोग देने के लिए उद्योगों को मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया गया।
- एमएसएमई को आसान और सुलभ वित्तीय मदद देने के लिए डिजिटल लोन वितरण पर भी ध्यान दिया जाएगा।
14 सेक्टर्स को पीएलआई योजना का लाभ, 5 लाख करोड़ से ज्यादा का हुआ निर्यात
पीएम मोदी ने बताया कि आज 14 सेक्टर्स को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत:
7.5 करोड़ यूनिट्स को मंजूरी मिली।
1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ।
13 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन बढ़ा।
5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ।
मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च-डेवलपमेंट पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग यात्रा को मजबूत करने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि:
- भारत वैश्विक स्तर पर बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है।
- दुनिया के कई देश भारत के साथ आर्थिक साझेदारी करना चाहते हैं।
- भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए।
- आरएंडडी को प्रोत्साहित कर इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और वैल्यू एडिशन पर फोकस करना होगा।
पीएम मोदी ने एमएसएमई को देश की आर्थिक रीढ़ बताते हुए उन्हें सशक्त बनाने के लिए नए कदम उठाने पर जोर दिया। आसान लोन, पीएलआई योजना और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से देश के छोटे और मध्यम उद्योगों को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।