प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे पहले SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव का उद्घाटन
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 फरवरी को नई दिल्ली के भारत मंडपम में पहले SOUL (School of Ultimate Leadership) लीडरशिप कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और उद्घाटन भाषण देंगे।“
मुख्य बिंदु:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे पहले SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव का उद्घाटन।
भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे देंगे उद्घाटन भाषण।
21-22 फरवरी को होगा दो दिवसीय आयोजन।
युवा नेतृत्व को प्रेरित करने और नए विचारों का आदान-प्रदान करने पर होगा फोकस।
राजनीति, खेल, मीडिया, व्यवसाय, सामाजिक क्षेत्र से जुड़े प्रमुख लोग होंगे शामिल।
SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव: क्या है इसका उद्देश्य?
SOUL (School of Ultimate Leadership) लीडरशिप कॉन्क्लेव का आयोजन 21 और 22 फरवरी 2025 को किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य युवा नेतृत्व को प्रेरित करना और नेतृत्व कौशल को विकसित करना है। इस कार्यक्रम में राजनीति, खेल, कला, मीडिया, आध्यात्म, सार्वजनिक नीति, व्यवसाय और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े अनुभवी लोग अपने विचार साझा करेंगे।
SOUL का उद्देश्य:
युवा नेतृत्व को सशक्त बनाना।
नेतृत्व से जुड़ी नई सोच और कौशल विकसित करना।
राजनीति को सिर्फ राजनीतिक परिवारों तक सीमित रखने के बजाय जनसेवा की भावना रखने वाले लोगों को आगे बढ़ाना।
अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के अनुभव साझा करना।
गुजरात में स्थापित हुआ है SOUL संस्थान
SOUL एक नया और उभरता हुआ लीडरशिप संस्थान है, जिसे गुजरात में स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य नेतृत्व के क्षेत्र में नए और योग्य लोगों को आगे बढ़ने का अवसर देना है।
SOUL की विशेषताएं:
युवा नेतृत्व विकास पर केंद्रित संस्थान।
राजनीतिक नेतृत्व को व्यापक बनाने पर जोर।
योग्यता और प्रतिबद्धता रखने वाले नेताओं को प्रशिक्षित करना।
जनसेवा और प्रशासनिक कौशल विकसित करना।
PM मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री की भागीदारी से बढ़ेगी कॉन्क्लेव की महत्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी इस कॉन्क्लेव को एक नया आयाम देगी। इसके अलावा भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे का उद्घाटन भाषण इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बनाएगा।
नेतृत्व विकास और कौशल प्रशिक्षण पर होगी चर्चा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की नेतृत्व क्षमता को मजबूती मिलेगी।
युवा नेताओं को नए दृष्टिकोण और अवसर मिलेंगे।