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प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरणविद् और पद्म पुरस्कार विजेता तुलसी गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और पद्म पुरस्कार विजेता तुलसी गौड़ा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। तुलसी गौड़ा को “वनस्पति की मां” कहा जाता था और उनका योगदान पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अविस्मरणीय है।


तुलसी गौड़ा: पर्यावरण की सच्ची प्रहरी
तुलसी गौड़ा का नाम पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हमेशा सम्मान के साथ लिया जाएगा। उन्होंने अपने जीवन में हजारों पेड़ लगाकर और वनों की रक्षा कर प्रकृति को बचाने में अमूल्य योगदान दिया।

मुख्य योगदान:

  1. हजारों पेड़ों का रोपण और संरक्षण
  2. पारंपरिक ज्ञान का उपयोग कर पर्यावरण को सहेजने का कार्य।
  3. वनों की रक्षा के लिए समुदाय को जागरूक करने का प्रयास।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तुलसी गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा:
“तुलसी गौड़ा जी का जीवन पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण का प्रेरणादायक उदाहरण है। उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। मैं उनके निधन पर शोक प्रकट करता हूं। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”


पद्म पुरस्कार और सम्मान
तुलसी गौड़ा को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए 2021 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका पूरा जीवन पर्यावरण के प्रति समर्पण और सादगी का प्रतीक था।

उनकी खास पहचान:

  • उन्होंने बिना किसी औपचारिक शिक्षा के ही वनस्पति और प्रकृति का गहन ज्ञान हासिल किया।
  • उनके कार्यों के लिए उन्हें “एनवायरनमेंटल गार्डियन” के रूप में जाना जाता था।

उनकी प्रेरणादायक यात्रा
तुलसी गौड़ा ने बचपन से ही जंगलों और वनस्पतियों से अपना लगाव बनाए रखा।

  1. उन्होंने जीवनभर पर्यावरण को संरक्षित और संवर्धित किया।
  2. कई प्रजातियों के पौधों को पहचानने और संरक्षित करने में उनकी अहम भूमिका रही।
  3. उनका जीवन आज के दौर में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक प्रेरणा है।


तुलसी गौड़ा का निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके जीवन से हमें पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश मिलता है। प्रधानमंत्री मोदी के शोक संदेश ने उनके कार्यों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें युगों तक याद रखने का वादा किया।


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