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पुष्पा 2: दमदार अवतार, एक्शन और ‘मौत’ का तांडव, लेकिन कमजोर रिव्यू ने किया निराश

सुपरहिट फिल्म की बहुप्रतीक्षित अगली कड़ी:
साउथ इंडस्ट्री की बहुचर्चित फिल्म “पुष्पा 2: द रूल” ने बड़े पर्दे पर धमाकेदार एंट्री की है। अल्लू अर्जुन के दमदार अभिनय और उनके नए अवतार को लेकर फिल्म पहले से ही सुर्खियों में थी। हालांकि, बेहतरीन एक्शन और अविस्मरणीय दृश्यों के बावजूद फिल्म को कमजोर रिव्यू का सामना करना पड़ा, जिसने कई प्रशंसकों को निराश किया।


पुष्पा का अवतार: क्यों है खास?

फिल्म में पुष्पा का किरदार पहले से भी ज्यादा मजबूत और प्रभावशाली दिखाया गया है।

  • नया अवतार: अल्लू अर्जुन का जंगल में बाघ के साथ तांडव और उनके बेखौफ डायलॉग्स दर्शकों को रोमांचित करते हैं।
  • शक्ति और संघर्ष का प्रदर्शन: फिल्म में पुष्पा के संघर्ष, उसके विद्रोही स्वभाव और उसकी ‘मौत’ के बीच की कहानी दर्शकों को बांधे रखती है।

फिल्म के मुख्य आकर्षण

1. एक्शन और सिनेमैटोग्राफी:

फिल्म में एक्शन दृश्यों को भव्यता के साथ शूट किया गया है। जंगल, नदियों और पहाड़ों के बैकग्राउंड में फिल्माए गए सीन लुभावने हैं।

2. अल्लू अर्जुन का दमदार अभिनय:

अल्लू अर्जुन ने अपने करिश्माई अभिनय से एक बार फिर साबित कर दिया कि वह अपनी पीढ़ी के सबसे प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक हैं।

3. संगीत और बैकग्राउंड स्कोर:

फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर कहानी को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।


कमजोर पक्ष: क्यों तोड़ा दिल?

1. कहानी में दोहराव:

फिल्म की कहानी में नयापन कम है। कई सीन पहले भाग की याद दिलाते हैं, जिससे दर्शकों को कुछ नया देखने की उम्मीद अधूरी लगती है।

2. खिंचाव महसूस होता है:

फिल्म की लंबाई और कुछ धीमे दृश्यों ने कहानी की गति को प्रभावित किया, जिससे दर्शकों का जुड़ाव कम हुआ।

3. कमजोर क्लाइमेक्स:

फिल्म का अंत दर्शकों को चौंकाने के बजाय साधारण लगा, जिसने इसके प्रभाव को कम कर दिया।


दर्शकों की प्रतिक्रिया:

जहां कुछ दर्शकों ने फिल्म के एक्शन और अल्लू अर्जुन के अभिनय की तारीफ की, वहीं कई लोग कमजोर कहानी और लंबे खिंचाव को लेकर आलोचना करते दिखे। सोशल मीडिया पर फिल्म को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।


निष्कर्ष:

“पुष्पा 2: द रूल” ने अपने दमदार एक्शन और अल्लू अर्जुन के शानदार प्रदर्शन से प्रशंसा तो पाई, लेकिन कमजोर कहानी और खिंचाव ने इसकी चमक को थोड़ा फीका कर दिया। फिल्म को देखने का अनुभव निश्चित रूप से खास है, लेकिन इसे पहली फिल्म की बराबरी करना मुश्किल लगता है।

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