अयोध्या में दिव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा: पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
“अयोध्या, भगवान श्रीराम की जन्मस्थली, गुरुवार को एक और ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी। इस पावन अवसर पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिपूर्वक सम्पन्न हुई, जिसे लेकर देशभर में श्रद्धा और उत्साह का माहौल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।“
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धाभाव से भरी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा:
“प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या एक और गौरवशाली और ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी है। भव्य-दिव्य राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा का यह पावन अवसर समस्त रामभक्तों को श्रद्धा और आनंद से भावविभोर करने वाला है।”
उन्होंने यह भी कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सभी देशवासियों को सुख, समृद्धि और आरोग्यता प्रदान करें।
भव्य राम दरबार की झलक पहली बार हुई सार्वजनिक
गुरुवार को पूरे देश ने पहली बार राजा राम दरबार की भव्य मूर्तियों के दर्शन किए। इस दिव्य दरबार में भगवान श्रीराम के साथ सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियों को प्रथम तल पर स्थापित किया गया।
यह दृश्य न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र था बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक भी बना।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया विधिवत प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नेतृत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैदिक विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का नेतृत्व किया। तीन दिन तक चले इस अनुष्ठान का समापन गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर हुआ।
वैदिक मंत्रों की गूंज ने माहौल को आध्यात्मिक बना दिया
कार्यक्रम के दौरान:
- अभिजीत मुहूर्त में पूजा प्रारंभ हुई।
- वैदिक ऋषियों द्वारा मंत्रोच्चारण किया गया।
- संपूर्ण मंदिर परिसर में ध्वनि और दृश्य माध्यमों से प्राण प्रतिष्ठा के मंत्रों का संचार हुआ।
प्राचीन परंपरा और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम
इस कार्यक्रम की एक विशेषता यह रही कि इसमें:
- वेदिक अनुष्ठान की पवित्रता को बरकरार रखते हुए,
- ऑडियो-विजुअल तकनीक के ज़रिए सभी देवालयों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराई गई।
यह नवाचार यह दिखाता है कि किस तरह आध्यात्मिक विरासत को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा सकता है।
प्रातः काल से शुरू हुए अनुष्ठान
गुरुवार सुबह 6:30 बजे यज्ञ मंडप में देवताओं के आवाहन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
- 9 बजे से हवन अनुष्ठान शुरू हुआ।
- हवन के पश्चात सभी नव-निर्मित देवालयों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा हुई।
- वैदिक परंपरा के अनुरूप मंत्रोच्चारण व यज्ञ की पूर्णता के साथ अनुष्ठान संपन्न हुआ।
अयोध्या के लिए ऐतिहासिक दिन
राम मंदिर परिसर में यह अवसर कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण रहा:
- पहली बार राजा राम दरबार की प्रतिमाएं सार्वजनिक रूप से प्रतिष्ठित हुईं।
- यह दिन राम मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी श्रद्धालुओं के लिए भावनात्मक रूप से अत्यंत मूल्यवान रहा।
- देश-दुनिया के करोड़ों राम भक्तों के लिए यह क्षण धार्मिक गौरव का प्रतीक बना।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया बल
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में:
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
- आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी
- स्थानीय व्यापारियों और सेवाओं को लाभ होगा
इस आयोजन से अयोध्या का धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व एक नई ऊंचाई पर पहुंचने वाला है।
डिजिटल माध्यमों से दुनियाभर में दिखा समारोह
पूरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और प्रसारण चैनलों के माध्यम से देश और दुनिया में दिखाया गया। इससे दुनियाभर में बसे प्रवासी भारतीयों और श्रद्धालुओं को अयोध्या से जुड़ने का अवसर मिला।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष तैयारियां
सरकार और राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से:
- भक्तों की सुविधा के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था बनाई गई
- सुरक्षा, ट्रैफिक और स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित प्रबंध किया गया
- पार्किंग, भोजन और पेयजल की व्यवस्थाएं भी की गईं
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा से जुड़ी एक ऐतिहासिक यात्रा का अगला अध्याय भी है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन एक नई सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को जन्म देता है। अयोध्या अब केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पुनरुत्थान की प्रतीक भूमि बन चुकी है।