भारत के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट में निवेश में 63% की बढ़ोतरी
‘भारत के नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में निवेश में शानदार उछाल देखने को मिला है। वर्ष 2024 की शुरुआत से अब तक नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 63% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह उछाल भारत की ग्रीन एनर्जी की दिशा में तेजी से बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’
निवेश में उछाल के मुख्य कारण
- नीतिगत सुधार और सरकारी समर्थन – सरकार द्वारा ग्रीन एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
- विदेशी निवेश – वैश्विक कंपनियों और निवेशकों ने भारत के सस्टेनेबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में विश्वास दिखाया है।
- तकनीकी उन्नति – नई तकनीकों के आने से ऊर्जा उत्पादन की लागत में कमी आई है।
नवीकरणीय ऊर्जा का विकास
भारत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय स्रोतों के विकास पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। यह वृद्धि भारत के 2030 तक नेट-जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों में मील का पत्थर साबित हो रही है।
महत्वपूर्ण आंकड़े:
- वर्ष 2024 में नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट में निवेश में 63% का उछाल।
- भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में दुनिया के शीर्ष देशों में जगह बनाई।
- पवन और सौर ऊर्जा के संयोजन से बिजली उत्पादन की लागत में गिरावट।
सरकार की पहल:
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना और राष्ट्रीय सौर मिशन जैसे कार्यक्रमों ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती दी है।
- निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की साझेदारी से नए प्रोजेक्ट्स को गति मिल रही है।
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ते निवेश से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।