NationalNews

जनवरी में खुदरा महंगाई दर घटी, आम लोगों को मिली राहत

भारत में मsहंगाई के मोर्चे पर आम जनता के लिए राहत की खबर आई है। जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.31 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो पिछले पांच महीनों का सबसे निचला स्तर है। दिसंबर 2024 में यह 5.22 प्रतिशत थी।

महंगाई दर में यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी के कारण आई है। सरकार द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

खाद्य महंगाई दर में बड़ी गिरावट

जनवरी में खाद्य महंगाई दर:

6.02% (दिसंबर 2024 में 8.39%)
अगस्त 2024 के बाद सबसे निचला स्तर

खाद्य महंगाई दर की यह कमी सब्जियों, दालों, अनाज, अंडा, कपड़े और शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है।

🔹 ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर: 6.31%
🔹 शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर: 5.53%

ग्रामीण महंगाई दर भी जनवरी में 4.64% रही, जो दिसंबर 2024 में 5.76% थी।
शहरी महंगाई दर जनवरी में 3.87% रही, जो दिसंबर में 4.58% थी।

हाउसिंग और ईंधन महंगाई दर

हाउसिंग महंगाई दर: 2.76% (दिसंबर में 2.71%)
ईंधन और बिजली महंगाई दर: -1.38% (दिसंबर में -1.33%)

ईंधन की कीमतों में भी गिरावट जारी है, जिससे महंगाई पर नियंत्रण बना हुआ है।

किसकी कीमतें बढ़ीं और घटीं?

इन वस्तुओं की कीमतें बढ़ीं (जनवरी 2024 की तुलना में):

नारियल तेल – 54.20%
आलू – 49.61%
नारियल – 38.71%
लहसुन – 30.65%
मटर (सब्जी) – 30.17%

इन वस्तुओं की कीमतें घटीं:

जीरा – -32.25%
अदरक – -30.92%
सूखी मिर्च – -11.27%
बैंगन – -9.94%
एलपीजी (वाहन को छोड़कर) – -9.29%

खासकर ईंधन और कुछ मसालों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे महंगाई पर नियंत्रण बना हुआ है।

आरबीआई के फैसले का असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया था।
इसका असर महंगाई दर पर साफ दिखाई दे रहा है।
खासकर खाद्य उत्पादों की कीमतें कम होने से महंगाई में कमी आई है।

अगर यह गिरावट जारी रहती है, तो आने वाले महीनों में आम लोगों को और राहत मिल सकती है।

भारत में जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.31% हो गई है, जो पिछले पांच महीनों का सबसे निचला स्तर है। खाद्य महंगाई दर में भी गिरावट आई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है।

ईंधन, बिजली और कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट से महंगाई नियंत्रित हुई है।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती का भी सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *