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सरस मेला 2025: 20 राज्यों की 80 महिला उद्यमियों के स्टॉल, ग्रामीण उत्पादों को मिलेगा नया बाजार

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित सरस मेला 2025 इस साल भी महिला उद्यमियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर देगा। इस मेले में 20 राज्यों से 80 उद्यमी गृहणियों का समूह भाग लेगा, जो अपने-अपने प्रदेशों के प्रसिद्ध व्यंजनों, हस्तशिल्प और अन्य उत्पादों के स्टॉल लगाएंगे।

ग्रामीण महिला उद्यमियों को एक नया मंच

सरस मेला सिर्फ एक व्यापारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह स्व-निर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीण महिला उद्यमियों को अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और निर्यात के नए अवसर खुलेंगे।

प्रमुख आकर्षण:

पारंपरिक भारतीय व्यंजन: अलग-अलग राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजनों के स्टॉल
हैंडलूम और कपड़े: बिहार का कॉटन और सिल्क, उत्तर प्रदेश के होम डेकोर उत्पाद
हस्तशिल्प और कला: छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और सिक्किम के उत्पाद

सरस मेले में व्यापार का ग्राफ लगातार बढ़ा

2021 में कुल व्यापार – ₹3.83 करोड़
2022 में कुल व्यापार – ₹5.3 करोड़
2023 में कुल व्यापार – ₹9.21 करोड़
2024 में कुल व्यापार – ₹14 करोड़

सरस मेला स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रमुख मंच बन चुका है।

सरस मेला 2025 का आयोजन और समय

आयोजक: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (NIRDPR)
शुभारंभ: 16 फरवरी 2025
समय: प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9:30 बजे तक

सरस मेला गांव की कला, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के साथ-साथ शहरी उपभोक्ताओं को एक अनोखा शॉपिंग अनुभव प्रदान करता है

सरस मेला 2025 क्यों है खास?

ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर
स्वदेशी उत्पादों को नया बाजार
लोकल से ग्लोबल: निर्यात के नए रास्ते
संस्कृति और परंपरा का जीवंत अनुभव

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