अमेरिकी टैरिफ पर रोक से शेयर बाजार में तेजी, निवेशकों में लौटी उम्मीद
अमेरिकी टैरिफ पर रोक से शेयर बाजार में तेजी की शुरुआत
“अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाने का फैसला किया है। इस खबर के आते ही भारतीय शेयर बाजार ने हरे निशान में शुरुआत की। शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली क्योंकि निवेशकों में फिर से भरोसा लौटा है और वैश्विक संकेत भी मजबूत रहे।”
सेंसेक्स और निफ्टी ने बढ़त के साथ किया कारोबार शुरू
मुंबई शेयर बाजार (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स सुबह तेजी के साथ खुला और शुरुआती घंटों में 350 अंकों से अधिक की बढ़त दर्ज की। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 50 भी 100 अंकों की मजबूती के साथ कारोबार कर रहा था।
रेसिप्रोकल टैरिफ रोक का शेयर बाजार पर असर
शेयर बाजार में तेजी का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा अपने रेसिप्रोकल टैरिफ नीति पर अस्थायी विराम है। इससे भारतीय निर्यातकों और निवेशकों को राहत मिली है।
रेसिप्रोकल टैरिफ क्या है और क्यों है अहम
- यह एक व्यापार नीति है जिसमें एक देश दूसरे देश द्वारा लगाए गए टैरिफ के बदले में समान शुल्क लगाता है।
- भारत जैसे विकासशील देशों पर इसका नकारात्मक असर होता रहा है।
- रोक से अब आयात-निर्यात संतुलन बेहतर होने की उम्मीद है।
किन सेक्टर्स को मिला सबसे अधिक फायदा
रेसिप्रोकल टैरिफ की रोक ने मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, फार्मा और ऑटोमोबाइल सेक्टर्स में सकारात्मक रुख पैदा किया।
इन शेयरों में आई तेज़ी
- TCS और Infosys जैसे आईटी स्टॉक्स में 2-3% की तेजी
- Sun Pharma और Dr. Reddy’s जैसे फार्मा शेयरों में उछाल
- Tata Motors और Maruti Suzuki जैसे ऑटो स्टॉक्स में बढ़त
विदेशी निवेशकों की हुई वापसी
अमेरिकी नीति में लचीलापन आने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) दोबारा भारतीय बाजार की ओर आकर्षित हुए हैं। इससे मार्केट में तरलता बढ़ी है।
डॉलर और कच्चे तेल के दामों पर भी पड़ा असर
रेसिप्रोकल टैरिफ पर विराम से डॉलर इंडेक्स में स्थिरता आई है और कच्चे तेल के दाम भी नियंत्रण में रहे, जिससे शेयर बाजार को अतिरिक्त समर्थन मिला।
निवेशकों के लिए क्या है संकेत
विश्लेषकों के अनुसार यह तेजी अल्पकालिक हो सकती है, लेकिन यदि अमेरिकी नीति में स्थायित्व आता है, तो यह रुझान लंबे समय तक बना रह सकता है।
निवेश के लिए सुझाव
- अभी मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों पर नजर रखें
- आईटी और फार्मा सेक्टर को प्राथमिकता दें
- मुनाफावसूली के बजाय दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान केंद्रित करें
बाजार की आने वाली दिशा क्या हो सकती है?
शेयर बाजार में तेजी फिलहाल सकारात्मक वैश्विक संकेतों पर आधारित है। यदि अमेरिका-चीन संबंधों में स्थिरता बनी रही और ब्याज दरें स्थिर रहीं, तो भारतीय बाजार आगे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।