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दक्षिण कोरिया में भीषण जंगल की आग: अब तक 18 की मौत, बचाव कार्य जारी

दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पूर्वी इलाकों में फैली भीषण जंगल की आग ने अब तक 18 लोगों की जान ले ली है, जबकि एक व्यक्ति लापता है और 10 अन्य घायल हुए हैं। यह आग पिछले शुक्रवार को दक्षिण ग्योंगसांग प्रांत के सांचियोंग काउंटी से शुरू हुई थी और अब यह यूईसोंग, अंडोंग, चियोंगसोंग, योंगयांग और योंगदोक तक फैल चुकी है।

तेज और शुष्क हवाओं के कारण आग लगातार फैलती जा रही है, जिससे बचाव कार्य भी बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।

अलग-अलग क्षेत्रों में नुकसान का ब्योरा

वन सेवा अधिकारियों के अनुसार:

  • अंडोंग: 2 मौतें
  • चियोंगसोंग: 3 मौतें, 1 व्यक्ति लापता
  • योंगयांग: 6 मौतें
  • योंगदोक: 7 मौतें

घायलों में से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

राष्ट्रपति ने दी सख्त कार्रवाई के निर्देश

दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने इस आपदा को देश की अब तक की सबसे भयानक जंगल की आग बताया और आग को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रयास करने का आदेश दिया है। सरकार की तरफ से त्वरित प्रतिक्रिया और संसाधनों की कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।

तबाही का दायरा: हजारों हेक्टेयर जंगल और सैकड़ों घर राख

अब तक:

  • 17,000 हेक्टेयर जंगल पूरी तरह जल चुके हैं
  • 209 घर और फैक्ट्रियां राख हो चुकी हैं
  • ऐतिहासिक गोन मंदिर, जिसे 681 ईस्वी में सिला राजवंश के समय बनाया गया था, भी आग की चपेट में आ गया

हालांकि, मंदिर में रखे राष्ट्रीय खजाने को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था।

बचाव कार्य में जुटे हजारों जवान और संसाधन

आग पर काबू पाने और लोगों को बचाने के लिए:

  • हजारों दमकलकर्मी तैनात किए गए हैं
  • 146 हेलीकॉप्टर और दर्जनों अग्निशमन वाहन काम में लगाए गए हैं
  • सेना के 5,000 जवान बचाव कार्य में लगे हैं

यह एक बहु-एजेंसी ऑपरेशन बन चुका है, जिसमें राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

कैदियों को भी किया गया शिफ्ट

आग के खतरे को देखते हुए उत्तर ग्योंगसांग प्रांत की एक जेल से 500 कैदियों को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे पता चलता है कि यह आपदा किस हद तक गंभीर हो चुकी है।

तेज हवाएं बनीं चुनौती, स्थिति नियंत्रण में नहीं

आग पर काबू पाने में सबसे बड़ी बाधा तेज और शुष्क हवाएं बनी हुई हैं, जो आग को लगातार नए इलाकों में फैला रही हैं। मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों तक स्थिति और बिगड़ सकती है।

स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया

प्रभावित इलाकों से हजारों स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां खाने, पानी और दवाइयों की व्यवस्था की गई है।

प्राकृतिक आपदा से सबक और तैयारी की जरूरत

इस भीषण जंगल की आग ने एक बार फिर दिखा दिया कि प्राकृतिक आपदाएं कितनी घातक हो सकती हैं। भविष्य में इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए:

  • अग्निशमन प्रणाली को और मजबूत बनाना होगा
  • अलर्ट सिस्टम और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को और प्रशिक्षित करना होगा
  • जंगलों की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करना होगा

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