सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 2025: भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भव्य उत्सव
भारत के सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजनों में से एक सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 2025 आज 7 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित सूरजकुंड में यह सांस्कृतिक और शिल्प मेला अपनी अनूठी हस्तशिल्प कलाओं, वस्त्रों, पारंपरिक लोक संगीत और व्यंजनों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
इस वर्ष का मेला “शिल्प महाकुंभ” थीम पर आधारित है, जो महाकुंभ मेले से प्रेरित है। इस भव्य आयोजन में भारत के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों के साथ-साथ 42 देशों के 648 अंतरराष्ट्रीय शिल्पकार भी भाग ले रहे हैं।
सूरजकुंड मेले की खासियत
✔️ 42 देशों की भागीदारी – अंतरराष्ट्रीय शिल्पकार अपनी अनूठी कलाकृतियों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
✔️ 1000+ स्टॉल्स – हस्तशिल्प, वस्त्र, आभूषण, घरेलू सजावट और पारंपरिक कलाकृतियों का अनूठा संगम।
✔️ लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन – भारत के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
✔️ पारंपरिक भारतीय व्यंजन – देशभर के मशहूर व्यंजन और स्ट्रीट फूड का स्वाद लेने का मौका।
✔️ “शिल्प महाकुंभ” थीम – महाकुंभ मेले की तरह, इसमें सांस्कृतिक और धार्मिक झलक भी देखने को मिलेगी।
सूरजकुंड मेला 2025 की टाइमिंग और टिकट की जानकारी
समय:
🔹 सुबह 10:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहेगा।
टिकट दरें:
🔹 सोमवार से शुक्रवार: ₹120 प्रति व्यक्ति
🔹 शनिवार और रविवार: ₹180 प्रति व्यक्ति
कहां से खरीदें टिकट?
🔹 दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) द्वारा विशेष सुविधा – लोग Momentum 2.0 ऐप के जरिए या सभी मेट्रो स्टेशनों से टिकट खरीद सकते हैं।
🔹 यह सुविधा 7 से 23 फरवरी तक सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक उपलब्ध होगी।
सूरजकुंड मेले का उद्देश्य
भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देना – यह मेला देश के स्थानीय शिल्पकारों और कलाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करता है।
हस्तशिल्प उद्योग को प्रोत्साहित करना – भारत के कारीगरों और बुनकरों को अपनी कला और कृतियों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का अवसर मिलता है।
लोक कला और संगीत को संरक्षित करना – लोक कलाकारों को अपनी परंपरागत कला प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर मिलता है।
पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण
1️⃣ भारत के विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक मंडप
भारत के हर राज्य के लिए अलग-अलग मंडप बनाए गए हैं, जहां उस राज्य की लोक संस्कृति, पहनावा, व्यंजन और पारंपरिक हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया जाएगा।
2️⃣ विदेशों से आए शिल्पकारों का अद्भुत संग्रह
इस बार अंतरराष्ट्रीय कलाकारों और शिल्पकारों की भागीदारी से यह मेला और भी खास बन गया है। विभिन्न देशों की हस्तकला और कलाकृतियां देखने को मिलेंगी।
3️⃣ लाइव हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शन
शिल्पकारों द्वारा हस्तनिर्मित वस्तुएं बनाने की प्रक्रिया को लाइव देखने का अवसर मिलेगा, जिससे आगंतुक इन कृतियों के पीछे की मेहनत को समझ सकें।
4️⃣ हरियाणा के पारंपरिक खेल और नृत्य
हरियाणा का प्रसिद्ध फुलकारी कला प्रदर्शन, घुड़सवारी, लोक नृत्य (गिद्धा, भंगड़ा, रास लीला), जाट कला प्रदर्शन और पारंपरिक खेलों का आयोजन भी किया जाएगा।
सूरजकुंड मेला 2025 क्यों है खास?
✅ 1000+ स्टॉल्स – भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति और कारीगरी का भव्य प्रदर्शन।
✅ 42 देशों की भागीदारी – अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प कला का शानदार संगम।
✅ “शिल्प महाकुंभ” थीम – आध्यात्मिकता और संस्कृति का अनूठा संयोजन।
✅ विशेष लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम – देशभर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से मन मोह लेंगे।
✅ पर्यावरण-संवेदनशील आयोजन – प्लास्टिक मुक्त जोन और सस्टेनेबल शिल्प को बढ़ावा।
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 2025 न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का एक मंच है, बल्कि यह कारीगरों, शिल्पकारों और कलाकारों के लिए भी एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
इस मेले में भाग लेकर आप न केवल भारत और अन्य देशों की पारंपरिक कलाओं को करीब से देख सकते हैं, बल्कि उन्हें खरीदकर उन कलाकारों को समर्थन भी दे सकते हैं। अगर आप कला, संस्कृति, शिल्प और संगीत प्रेमी हैं, तो यह मेला आपके लिए एक अनमोल अनुभव साबित होगा।