उज्जैन काल भैरव मंदिर: भक्तों की आस्था से भरा खजाना, दो महीने में आया 25 लाख रुपये का चढ़ावा
उज्जैन, मध्यप्रदेश: श्रद्धा और आस्था का प्रतीक काल भैरव मंदिर एक बार फिर भक्तों की अटूट श्रद्धा का साक्षी बना है। बीते दो महीनों में इस प्रसिद्ध मंदिर के खजाने में भक्तों ने करीब 25 लाख रुपये का चढ़ावा अर्पित किया। यह चढ़ावा मंदिर की लोकप्रियता और भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाता है।
काल भैरव मंदिर का धार्मिक महत्व
उज्जैन स्थित काल भैरव मंदिर का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह मंदिर भगवान शिव के रुद्र रूप काल भैरव को समर्पित है, जिन्हें न्याय और सुरक्षा का देवता माना जाता है। यहां श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भेंट चढ़ाते हैं और भगवान को प्रसन्न करने हेतु विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
दो महीनों में भक्तों का विशाल योगदान
मंदिर प्रशासन के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर माह में श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित दान की कुल राशि 25 लाख रुपये को पार कर गई है। इसमें नकद दान के अलावा विभिन्न सामग्रियां जैसे – तेल, नारियल, मिठाई और अन्य धार्मिक सामग्री भी शामिल हैं।
मंदिर समिति ने बताया कि इस चढ़ावे का उपयोग मंदिर के रखरखाव, भक्तों की सुविधाओं को बढ़ाने और धार्मिक गतिविधियों के संचालन में किया जाएगा।
भक्तों की बढ़ती संख्या और आस्था
काल भैरव मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन के लिए आते हैं। विशेषकर रविवार और अष्टमी के दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि काल भैरव को भोग के रूप में मदिरा चढ़ाने से विशेष आशीर्वाद मिलता है और भक्तों की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
मंदिर प्रशासन की ओर से नई योजनाएं
मंदिर समिति ने बताया कि दान से प्राप्त राशि का एक हिस्सा मंदिर के विकास कार्यों में लगाया जाएगा। मुख्य योजनाओं में शामिल हैं:
- भक्तों के लिए सुविधाओं का विस्तार: पेयजल, बैठने की व्यवस्था और साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाएगा।
- सुरक्षा व्यवस्था: मंदिर में सुरक्षा और व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
- पर्यटन को बढ़ावा: मंदिर परिसर को पर्यटकों के लिए और आकर्षक बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
काल भैरव मंदिर: श्रद्धा का केंद्र
काल भैरव मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि यह उज्जैन के समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक अभिन्न हिस्सा भी है। हर दिन यहां हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ दर्शन करने आते हैं।