वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने वाला UMEED पोर्टल लॉन्च
“भारत सरकार ने वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन पारदर्शी, जवाबदेह और आधुनिक बनाने के लिए UMEED Central Portal की शुरुआत की है। यह पोर्टल विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय की वक्फ संपत्तियों के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है।“
नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इसका उद्घाटन किया। इस मौके पर राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार भी उपस्थित थे।
UMEED पोर्टल: एक डिजिटल समाधान
क्या है UMEED पोर्टल?
UMEED का पूरा नाम है – Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency, and Development. यह एक सेंट्रल डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो देशभर की वक्फ संपत्तियों को एकीकृत, जियो-टैग और ई-गवर्नेंस टूल्स के जरिए प्रबंधित करने की सुविधा देता है।
मुख्य विशेषताएं
- रियल-टाइम डेटा अपलोडिंग और सत्यापन
- जियो-टैगिंग और जीआईएस मैपिंग
- ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली
- ई-लीजिंग मॉनिटरिंग सिस्टम
- सार्वजनिक पहुंच योग्य रिकॉर्ड
वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी प्रबंधन क्यों जरूरी है?
समुदाय की संपत्तियों का सदुपयोग
वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समाज के कल्याण के लिए दी जाती हैं, जिनका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण और धार्मिक कार्यों में होना चाहिए। लेकिन अब तक इनका उपयोग पारदर्शी नहीं रहा।
कई जगहों पर इन संपत्तियों के दुरुपयोग, गलत लीजिंग और गुप्त प्रशासन की खबरें सामने आती रही हैं। ऐसे में UMEED पोर्टल एक मजबूत निगरानी तंत्र बनकर सामने आया है।
मंत्री किरण रिजिजू की प्रतिक्रिया
“एक नया अध्याय”
किरण रिजिजू ने कहा, “UMEED पोर्टल वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में एक नया अध्याय जोड़ेगा। यह न सिर्फ प्रशासनिक पारदर्शिता लाएगा बल्कि महिलाओं, बच्चों और आम मुस्लिम नागरिकों को वास्तविक लाभ देगा।”
उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए हो, जिसके लिए वे दी गई थीं।
राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन की टिप्पणी
“जनता के करीब आएगा वक्फ प्रशासन”
राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि यह सुधार बहुत पहले होना चाहिए था। उन्होंने जोर दिया कि अब हर संपत्ति की डिजिटल एंट्री और ट्रैकिंग होगी, जिससे कोई संपत्ति गायब या गलत हाथों में नहीं जा सकेगी।
डॉ. चंद्रशेखर कुमार का तकनीकी दृष्टिकोण
“डिजिटल वक्फ प्रशासन की रीढ़”
मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार ने कहा, “UMEED पोर्टल डिजिटल वक्फ गवर्नेंस की रीढ़ बनेगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इससे मुस्लिम समाज के कमजोर वर्गों को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में मदद मिलेगी।
पोर्टल के जरिए क्या बदलेगा?
संपत्ति की पहचान और ट्रैकिंग होगी आसान
अब प्रत्येक वक्फ संपत्ति को जियो-टैग किया जाएगा और उसका GIS मैप तैयार होगा। इससे सरकार को यह जानने में मदद मिलेगी कि कौन-सी संपत्ति कहां है, किसके पास है, और उसका उपयोग किस कार्य में हो रहा है।
ऑनलाइन शिकायतों की सुनवाई
अब आम नागरिक पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं और उनका समाधान ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। इससे भ्रष्टाचार और देरी की शिकायतों में भारी कमी आएगी।
कम्युनिटी सशक्तिकरण की दिशा में कदम
महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता
इस पोर्टल का लक्ष्य है कि वक्फ संपत्तियों से मिलने वाला लाभ समाज के कमजोर वर्गों जैसे महिलाओं, बच्चों और गरीबों तक पहुंचे।
शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए समर्पित
वक्फ संपत्तियों का सदुपयोग अब शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, छात्रवृत्तियों और आजीविका योजनाओं में होगा। इससे समुदाय में दीर्घकालिक सामाजिक विकास सुनिश्चित होगा।