InternationalNews

संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर चिंता जताई, ट्रंप ने हमलों को ‘सफल ऑपरेशन’ कहा

महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा कि संघर्ष अब इतना खतरनाक हो चुका है कि यह तेजी से नियंत्रण से बाहर जा सकता है। गुटेरेस ने कहा कि इसका बहुत बुरा असर आम नागरिकों, पूरे इलाके और दुनिया पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यह हमला “अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा” है।

गुटेरेस ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह संकट एक ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां इसे अराजकता और तबाही के इस सिलसिले को रोकने के लिए सैन्य समाधान नहीं है। आगे बढ़ने का रास्ता केवल बातचीत और शांति है।”

ट्रंप का बयान: ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला

गुटेरेस की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद आई, जिसमें ट्रंप ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले की जानकारी दी थी। ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, नतांज और एस्फाहान परमाणु स्थलों पर सटीक हमले किए हैं। उन्होंने इसे “सफल ऑपरेशन” बताते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और परमाणु खतरे को रोकना है।”

ट्रंप ने कहा, “ईरान में शांति या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में हमने देखा उससे कहीं ज्यादा बड़ी होगी।” ट्रंप ने इस हमले में इजरायल की मदद की सराहना करते हुए कहा कि इजरायल और अमेरिका ने मिलकर “एक टीम के रूप में काम किया”, जैसा शायद पहले कभी नहीं हुआ।

ईरान का परमाणु कार्यक्रम: ट्रंप का बयान

ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान को परमाणु कार्यक्रम बढ़ाने से रोकने के लिए यह हमला किया गया। उन्होंने कहा, “ईरान को परमाणु सामर्थ्य को बढ़ाने से रोकने के लिए यह हमला जरूरी था।” उन्होंने आगे कहा कि ईरान में और भी कई लक्ष्यों को नष्ट किया जा सकता है, यदि शांति जल्दी नहीं आती है। ट्रंप ने चेतावनी दी, “हम सटीकता, गति और कौशल के साथ उन लक्ष्यों पर हमला करेंगे।”

इजरायल और अमेरिका का सहयोग

इजरायल ने 13 जून को ईरान पर हवाई हमले शुरू किए थे, और इसके बाद ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें से कुछ इजरायल की सुरक्षा को भेदने में सफल रहे। ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह दो हफ्तों के भीतर आखिरी निर्णय लेंगे कि क्या हमला किया जाए, और यह निर्णय दो दिन बाद लिया गया।

इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष और अमेरिकी हमलों ने मध्य पूर्व में न्यूक्लियर संकट को और भी जटिल बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र की चिंता और ट्रंप के बयान से यह स्पष्ट है कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए यह संकट गंभीर रूप ले सकता है। इस समय, दोनों देशों के बीच बातचीत और कूटनीति की आवश्यकता है ताकि इस संघर्ष को अधिक बढ़ने से रोका जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *