यूपीआई सेवा में तकनीकी खराबी से देशभर में प्रभावित हुए डिजिटल पेमेंट
“शनिवार को देशभर में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से डिजिटल भुगतान करने वाले लाखों उपयोगकर्ताओं को तकनीकी खराबी के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यूजर्स खरीदारी, बिल भुगतान और फंड ट्रांसफर जैसे कार्यों को पूरा नहीं कर सके।“
एनपीसीआई ने मानी गड़बड़ी, समाधान की प्रक्रिया जारी
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने सोशल मीडिया के जरिए इस समस्या की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यूपीआई सेवा में तकनीकी समस्या के कारण असुविधा हुई है और इसे ठीक करने के लिए कार्य जारी है। हालांकि किसी प्रकार की डेटा सुरक्षा या वित्तीय नुकसान की जानकारी नहीं दी गई है।
डाउन डिटेक्टर पर हजारों शिकायतें
ऑनलाइन आउटेज ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार दोपहर 1 बजे तक 2,358 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें:
- 81% यूजर्स ने पेमेंट फेल की शिकायत की।
- 17% शिकायतें फंड ट्रांसफर न हो पाने को लेकर थीं।
- 2% अन्य समस्याएं शामिल रहीं।
प्रमुख बैंकिंग ऐप भी प्रभावित
इस तकनीकी गड़बड़ी का असर देश के प्रमुख बैंकिंग एप्लिकेशनों जैसे:
- एसबीआई योनो (SBI YONO)
- आईसीआईसीआई मोबाइल बैंकिंग
- एचडीएफसी बैंक ऐप पर भी देखा गया। यूजर्स ने सोशल मीडिया पर इन ऐप्स के काम न करने की जानकारी साझा की।
यूपीआई का ट्रांजैक्शन वॉल्यूम
- मार्च 2025 में यूपीआई के माध्यम से 18.3 बिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए।
- इनका कुल मूल्य 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा।
- यह फरवरी की तुलना में 13% की वृद्धि दर्शाता है।
- रोजाना औसतन 590 मिलियन ट्रांजैक्शन होते हैं।
आम उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव
चूंकि यूपीआई आज के समय में दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, यह तकनीकी बाधा:
- दुकानदारों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और
- साधारण उपभोक्ताओं के लिए विशेष रूप से परेशानी का कारण बनी।
कई लोगों को बिल भुगतान, किराना खरीदारी, कैब बुकिंग जैसी सेवाओं में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
एनपीसीआई का बयान और भविष्य की रणनीति
एनपीसीआई ने आश्वासन दिया है कि वे इस समस्या को प्राथमिकता से हल कर रहे हैं। साथ ही:
- सर्वर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने,
- सिस्टम रिडंडेंसी बढ़ाने और
- यूजर ट्रैफिक हैंडलिंग की क्षमता को बेहतर बनाने पर काम किया जा रहा है।
तकनीकी खराबी से बचाव के सुझाव:
विशेषज्ञों के अनुसार:
- सभी डिजिटल उपयोगकर्ताओं को एक से अधिक पेमेंट विकल्प तैयार रखने चाहिए।
- नेटबैंकिंग, कार्ड पेमेंट, या कैश बैकअप को भी प्राथमिकता दें।