NationalNews

यूपीआई ट्रांजैक्शन में रिकॉर्ड वृद्धि: भारत की डिजिटल इकोनॉमी को मिला नया बल”

भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली का चेहरा बन चुके यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने मई 2025 में एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया। यूपीआई ट्रांजैक्शन में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज करते हुए इसने भारतीय अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया है।

मई 2025 – यूपीआई ट्रांजैक्शन में ऐतिहासिक वृद्धि

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार:

  • मई 2025 में कुल 18.68 बिलियन ट्रांजैक्शन हुए
  • अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा 17.89 बिलियन था
  • यह मासिक आधार पर लगभग 5% की बढ़त है

यह न केवल मात्रा में बल्कि मूल्य के आधार पर भी मजबूत ग्रोथ दिखाता है। मई में ट्रांजैक्शन वैल्यू बढ़कर ₹25.14 लाख करोड़ पहुँच गई, जो अप्रैल में ₹23.95 लाख करोड़ थी।

साल-दर-साल तुलना में शानदार प्रदर्शन

पिछले साल मई में यूपीआई ने 14.03 बिलियन ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड किए थे। अब यह आंकड़ा 33% बढ़कर 18.68 बिलियन तक पहुंच गया है।

  • वर्ष दर वर्ष ग्रोथ: 33%
  • वैल्यू में वृद्धि: मई 2024 में ₹20.45 लाख करोड़ से मई 2025 में ₹25.14 लाख करोड़ यानी 23% अधिक

एवरेज डेली ट्रांजैक्शन के आंकड़े

  • मई 2025 में औसतन 602 मिलियन ट्रांजैक्शन प्रतिदिन
  • औसत दैनिक ट्रांजैक्शन वैल्यू रही ₹81,106 करोड़
  • यह भारत की डिजिटल लेनदेन की गहराई और स्वीकार्यता को दर्शाता है

यूपीआई की बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी

RBI की रिपोर्ट के अनुसार:

  • 2023-24 में यूपीआई का कुल ट्रांजैक्शन शेयर था 79.7%
  • 2024-25 में यह बढ़कर हो गया 83.7%

यह स्पष्ट करता है कि यूपीआई ने भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में अपनी निर्णायक भूमिका और मजबूत पकड़ कायम रखी है।

2024-25 में कुल ट्रांजैक्शन और वैल्यू

RBI की वार्षिक रिपोर्ट बताती है:

  • कुल यूपीआई ट्रांजैक्शन: 185.8 बिलियन
  • सालाना वृद्धि: 41%
  • कुल ट्रांजैक्शन मूल्य: ₹261 लाख करोड़
    • पिछले वित्त वर्ष में यह ₹200 लाख करोड़ था
    • वृद्धि: लगभग 23%

सरकार और UPI: नीति और विज़न

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने कहा:

“आम नागरिक के जीवन को आसान बनाने से लेकर कारोबारी आत्मविश्वास को बढ़ाने तक, यह रियल और विजिबल चेंज का एक दशक रहा है।”

सरकार के डिजिटलीकरण अभियान का प्रमुख स्तंभ UPI बन चुका है।

  • यह तकनीक आसान, सुलभ और तेज़ लेनदेन की सुविधा देती है
  • ग्रामीण इलाकों में भी अब UPI का व्यापक उपयोग देखा जा रहा है

वैश्विक स्तर पर UPI की पहचान

भारत अब न केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि डिजिटल भुगतान प्रणाली का वैश्विक मॉडल भी बन चुका है।

  • क्लाइमेट एक्शन और फिनटेक नवाचारों में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है
  • कई देशों में UPI मॉडल को अपनाने पर विचार हो रहा है, जैसे सिंगापुर, UAE, फ्रांस

नागरिकों के जीवन में यूपीआई का प्रभाव

  • छोटे व्यापारी और रेहड़ी-पटरी वाले अब डिजिटल पेमेंट को अपनाने लगे हैं
  • QR कोड आधारित भुगतान आज हर गली-मोहल्ले तक पहुंच गया है
  • पैसे भेजना, बिल भरना, सब कुछ बस एक क्लिक में संभव

UPI की सफलता के पीछे तकनीकी और संस्थागत आधार

  • NPCI (National Payments Corporation of India) की तकनीकी नेतृत्व क्षमता
  • सरल मोबाइल इंटीग्रेशन, बिना इंटरनेट के भी *123# सेवा
  • बैंकों और फिनटेक कंपनियों के बीच कुशल तालमेल

आगे की दिशा – क्या होगा फोकस?

  • इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन को सपोर्ट करने के लिए UPI को ग्लोबल बनाना
  • क्रेडिट-लिंक्ड UPI – UPI के ज़रिए क्रेडिट स्कीम को एकीकृत करना
  • फ्रॉड प्रिवेंशन और साइबर सुरक्षा के नए उपाय लागू करना

यूपीआई ट्रांजैक्शन में रिकॉर्ड वृद्धि केवल एक आँकड़ा नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल क्रांति का प्रमाण है। सरकार, तकनीकी कंपनियाँ, और आम जनता – सभी मिलकर एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहे हैं जो पारदर्शिता, सुविधा और गति का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में यह ग्रोथ और तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *