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विकसित भारत 2047: नीति आयोग के सम्मेलन में आर्थिक विकास और वैश्विक रणनीतियों पर जोर

नीति आयोग ने 6 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी के सुषमा स्वराज भवन में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का विषय था “2047 तक विकसित भारत की ओर: अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, वैश्विक भागीदारी और कानून को मजबूत करना”।

इस कार्यक्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य, सीईओ, केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार और रक्षा मंत्रालय के सचिव ने हिस्सा लिया। सम्मेलन के दौरान भारत की दीर्घकालिक आर्थिक रणनीति, वैश्विक प्रतिस्पर्धा, कूटनीतिक साझेदारी और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गहन चर्चा की गई।

आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर चर्चा

इस सम्मेलन के एक प्रमुख सत्र का विषय था “आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा”, जिसमें विशेषज्ञों ने भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में विचार साझा किए।

🔹 बुनियादी ढांचे के विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
🔹 निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाने और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को मजबूत करने की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
🔹 वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया, जिससे भारत निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ सके।
🔹 ऊर्जा सुरक्षा, संप्रभु क्रेडिट रेटिंग और कच्चे माल की आपूर्ति जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे देश की आर्थिक लचीलापन (Economic Resilience) बढ़ सके।

वैश्विक कूटनीतिक रणनीतियों पर जोर

“विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी” सत्र के दौरान, भारत की कूटनीतिक रणनीतियों और वैश्विक साझेदारियों पर गहन चर्चा की गई।

🔹 अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) में वैश्विक सहयोग पर जोर दिया गया।
🔹 खनिज संसाधनों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भागीदारी को लेकर नई रणनीतियों पर चर्चा हुई।
🔹 व्यापार उदारीकरण (Trade Liberalization), टैरिफ में कमी और तकनीकी सहयोग को भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आवश्यक माना गया।
🔹 वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को सशक्त बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाने की रणनीति बनाई गई।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) का महत्व

सम्मेलन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnership – PPP) के महत्व को भी रेखांकित किया गया।

🔹 विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई।
🔹 डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहल को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया।
🔹 साइबर सुरक्षा, डिजिटल भुगतान और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतियों पर चर्चा हुई।

🔸 नीति आयोग का यह सम्मेलन 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के रोडमैप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
🔸 आर्थिक विकास, वैश्विक प्रतिस्पर्धा, राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक साझेदारी पर केंद्रित इस चर्चा में देश के विकास की नींव रखी गई।
🔸 निजी क्षेत्र, सरकारी योजनाओं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया गया।
🔸 यह सम्मेलन भारत की वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो भविष्य की योजनाओं को और मजबूती प्रदान करेगा।

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