विझिंजम पोर्ट का उद्घाटन: भारत के पहले कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह से बढ़ेगी समुद्री व्यापार क्षमता
““विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट, भारत का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह, 2 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के साथ राष्ट्र को समर्पित किया गया। यह बंदरगाह न केवल भारत की लॉजिस्टिक क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता भी कम करेगा।”“
विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट: रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से क्यों है खास?
1. समुद्री व्यापार मार्ग के पास प्राकृतिक गहराई वाला पोर्ट
यह बंदरगाह:
- 20 मीटर की प्राकृतिक गहराई रखता है
- विश्व के व्यस्ततम समुद्री मार्गों के करीब स्थित है
- बड़े-बड़े कंटेनर जहाजों के लिए सुविधाजनक लोडिंग-अनलोडिंग की सुविधा प्रदान करता है
इसकी स्थिति इसे भारत का रणनीतिक समुद्री केंद्र बनाती है।
बंदरगाह की वर्तमान और संभावित क्षमता
2. सालाना 45 लाख TEU कंटेनर संचालन की संभावना
केरल के बंदरगाह मंत्री वीएन वसावन के अनुसार:
- वर्तमान में सालाना 30 लाख TEU कंटेनर संचालन की क्षमता है
- प्रदर्शन को देखते हुए 45 लाख TEU तक संचालन संभव है
- दिसंबर 2024 तक कमीशनिंग सर्टिफिकेट मिल चुका है
- अब तक 285 जहाजों का आगमन हो चुका है
यह आंकड़ा दर्शाता है कि बंदरगाह शुरू से ही अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतर रहा है।
उद्घाटन समारोह में शामिल हुए कई शीर्ष नेता
3. केंद्र और राज्य सरकारों की साझी भागीदारी
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल हुए:
- राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
- मुख्यमंत्री पिनराई विजयन
- केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल, सुरेश गोपी
- राज्य मंत्री साजी चेरियन, वी शिवनकुट्टी
- सांसद शशि थरूर, एए रहीम, आर्या राजेन्द्रन (मेयर)
- राजीव चंद्रशेखर (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
इससे साफ है कि यह बंदरगाह राजनीतिक मतभेदों से ऊपर, भारत के विकास का प्रतीक है।
एमएससी जैसे जहाजों की भी एंट्री
4. दुबई और कोलंबो को छोड़कर विझिंजम को प्राथमिकता
वीएन वसावन ने बताया कि:
“एमएससी जैसे जहाज जो पहले दुबई और कोलंबो ही जाते थे, अब विझिंजम पोर्ट पर भी आ रहे हैं।”
इससे यह प्रमाणित होता है कि यह बंदरगाह वैश्विक स्तर पर आकर्षण केंद्र बन रहा है।
समय से पहले निर्माण और लाभ की शुरुआत
5. निर्धारित समय से पहले हुआ कार्य पूर्ण
बंदरगाह का निर्माण:
- समय से पहले पूरा किया गया
- राजस्व कमाने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो रही है
- यह भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में दक्षता का उदाहरण है
राजनीतिक टकराव की नहीं, साझेदारी की मिसाल
6. केंद्र और राज्य सरकार दोनों की भूमिका
मंत्री वसावन ने स्पष्ट किया:
“यह भाजपा या वाम मोर्चा की नहीं, बल्कि दोनों सरकारों की साझी परियोजना है।”
इस बयान से यह संकेत मिलता है कि भारत की प्रमुख विकास परियोजनाएं राजनीतिक मतभेदों से परे होकर राष्ट्रहित में संचालित की जा रही हैं।
लॉजिस्टिक सेक्टर में क्रांति की शुरुआत
7. विदेशों पर निर्भरता घटेगी, व्यापार बढ़ेगा
विझिंजम पोर्ट:
- कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा
- देश की लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को विश्वस्तरीय बनाएगा
- विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता घटने से व्यापार लागत में कटौती होगी
यह भारत को एशिया का लॉजिस्टिक हब बनने की दिशा में अग्रसर करेगा।