प्रधानमंत्री ने डिजिटल अवसंरचना, एआई और डेटा को प्राथमिकता देने पर दिया जोर
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समावेशी विकास और वैश्विक स्तर पर जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शासन में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), और डेटा के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि ये उपकरण न केवल शासन को अधिक प्रभावी बनाएंगे, बल्कि विकास की प्रक्रिया में सभी वर्गों को शामिल करने में भी मददगार होंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एक ऐसा माध्यम है, जो समाज के हर वर्ग तक पहुंचने और उन्हें सशक्त बनाने में मदद करता है। भारत में डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से डिजिटल सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे देश के दूरदराज के क्षेत्रों में भी लोगों को सरकार की योजनाओं और सेवाओं का लाभ मिल रहा है।
उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा की भूमिका पर भी जोर देते हुए कहा कि ये तकनीकें न केवल शासन को बेहतर बनाती हैं, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को भी तेज और प्रभावशाली बनाती हैं। एआई और डेटा का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिससे लोगों का जीवन स्तर सुधरे।
प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्रणाली ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है और इसे पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि डिजिटल तकनीक का उपयोग केवल विकास के लिए नहीं, बल्कि समाज में समानता और पारदर्शिता लाने के लिए भी किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी देशों से मिलकर काम करने और तकनीक के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने की अपील की।
यह संदेश न केवल भारत की डिजिटल प्रगति का प्रतीक है, बल्कि तकनीक के माध्यम से एक समावेशी और सशक्त भविष्य की दिशा में प्रधानमंत्री की दृष्टि को भी उजागर करता है।