जम्मू और कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर हंगामा: विशेष दर्जा बहाली के प्रस्ताव को लेकर सियासी उबाल
जम्मू और कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ, और खबरों के अनुसार, हाथापाई भी हुई। यह घटना उस दिन सामने आई जब विशेष दर्जा बहाली के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विरोध दर्ज कराया था। इस बीच, विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव को राज्य की संविधानिक स्थिति बहाल करने के रूप में देखा, जबकि भाजपा इसे संविधान के खिलाफ मान रही है।
विशेष दर्जा बहाली के प्रस्ताव पर हंगामा
गुरुवार को विधानसभा में इस प्रस्ताव के पारित होते ही सदन में तनाव बढ़ गया। विपक्षी दलों ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए स्वागत किया, वहीं बीजेपी ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सदन में सियासी गरमा-गर्मी के बीच सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई, और अंत में स्थिति ने हाथापाई का रूप ले लिया।
भाजपा का विरोध
भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रस्ताव को संविधानिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से ग़लत बताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह कदम देश की एकता और अखंडता के लिए खतरे का कारण बन सकता है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में अब विशेष दर्जा खत्म हो चुका है और इस मुद्दे को फिर से उठाने का कोई मतलब नहीं है। भाजपा ने इसे राज्य की संवैधानिक प्रगति के खिलाफ करार दिया है।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
वहीं, विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। उनका कहना है कि इस कदम से जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल किया जा सकता है, जिससे वहां के नागरिकों के अधिकारों को फिर से सम्मानित किया जाएगा। विपक्ष ने कहा कि यह कदम राज्य में शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है।