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हमीरपुर की लखदाता समिति ने विवादित ढांचे स्थल पर कब्जा किया खाली

“मटाहनी क्षेत्र में लखदाता समिति ने  विवादित ढांचे स्थल पर अपने बोर्ड को हटाकर रेन-शेल्टर संबंधी बोर्ड लगाया , लखदाता समिति ने विवादित ढांचे स्थल पर कब्जा खाली कर दिया”

04/10/2024 PB शब्द

मटाहनी क्षेत्र में लखदाता समिति ने  विवादित ढांचे स्थल पर अपने बोर्ड को हटाकर रेन-शेल्टर संबंधी बोर्ड लगाया कमेटी के प्रधान ने कहा कि आम जनता के सहयोग से बनाया गया ढांचा कहा कि अगर प्रशासन से स्थल पर लोगो के बैठने के लिए बेंच लगाएगा तो कोई आपत्ति नहीं  हमीरपुर ज़िला की दादूही पंचायत के मटाहनी क्षेत्र में लखदाता समिति ने  विवादित ढांचे स्थल पर कब्जा खाली कर दिया है।

समिति ने ढांचे पर लगे अपने बोर्ड को हटाकर रेन-शेल्टर संबंधी बोर्ड लगा दिया। समिति ने प्रशासन से मांग भी की कि अगर वहां लोगो को सुविधा प्रदान करने के लिए बैंच भी लगाए जाएगें तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी । गौरतलब है कि भूमि के स्वामित्व के दावों के बीच राजस्व विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि हमीरपुर के भूमि राजस्व रिकॉर्ड में जमीन राज्य सरकार की है ।

वर्तमान में सूफी संत लखदाता पीर की मजार स्थित है ।16 सितंबर को समिति के द्वारा मजार पर एक भवन बनाने की योजना के बारे में एक वीडियो सामने आया था। जिसमे दीये जलाने के लिए बनाए गए ढांचे के चारों ओर टाइल्स और दीवारें बिछाने को काम चल रहा था जिसमे बाद में  मजार का संचालन करने वाली कमेटी ने इसे हटा दिया लेकिन यहां वर्षों पहले हुए निर्माण कार्य पर सवाल उठने लगे। वन विभाग हमीरपुर ने जमीन की पैमाइश के लिए प्रशासन और राजस्व विभाग को लिखा।  

तहसीलदार हमीरपुर ने बताया कि राजस्व विभाग के 2018-19 के रिकॉर्ड के मुताबिक महल महतानी गांव की जमीन वक्फ बोर्ड की नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश सरकार की है। उन्होंने कहा कि पूर्व में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में भी जमीन को लेकर कुछ टिप्पणी की थी ।

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