क्या दिल्ली बन गई इंटरनेशनल ड्रग्स कैपिटल? एक हफ्ते में 7 हजार करोड़ की ड्रग्स बरामद
“क्या देश की राजधानी दिल्ली इंटरनेशल ड्रग्स कैपिटल बन गई है। यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पिछले एक हफ्ते में ही अलग-अलग छापेमारी में 7 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद हो चुकी है। वहीं गिरफ्तारी के डर से सरगना लंदन फरार हो गया है”
दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में अब तक 7 हजार करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स बरामद हुई है। ताजा मामला गुरुवार रात का है, जहां बिना जांच पड़ताल के आरोपी ने गोदाम लेकर वहां ड्रग्स का कारोबार शुरू कर दिया।
सिर्फ इतना ही नहीं जब तक दिल्ली पुलिस को ड्रग्स का पता चला तब तक आरोपी लंदन फरार हो गया। अब एजेंसियां पूरे रैकेट की जांच कर रही है। जांच में एक बड़े इंटरनेशनल रैकेट का खुलासा हुआ है लेकिन ड्रग्स की इतनी बड़ी खेप दिल्ली कैसे पहुंची। अभी तक एजेंसियों को जांच में और क्या क्या पता चला है। दिल्ली में ड्रग्स रैकेट की पूरी इनसाइड स्टोरी इस रिपोर्ट में पढ़िए .
क्या ड्रग्स के सौदागरों का स्वर्ग बन गई है दिल्ली?
एक हफ्ते पहले ही दिल्ली के महिपालपुर इलाके में 5 हजार करोड़ से ज्यादा की कोकीन बरामद हुई थी। इसी ड्रग्स की छापेमारी के दौरान स्पेशल सेल को रमेशनगर में ड्रग्स का इनपुट मिला था। जहां से 10 अक्टूबर को नमकीन के पैकेट्स में दो हजार करोड़ से ज्यादा की कोकीन बरामद हुई है .
दिल्ली के रमेशनगर के इसी गोदाम से 2000 करोड़ से ज्यादा की कोकीन मिली थी। दो सौ किलो से ज्यादा कोकीन नमकीन के पैकेट्स में छिपाई गई थी। जिसे कार्टून में पैक करके बोरे में गोदाम रखा गया था। ये गोदाम मात्र 8 हजार महीने में लिया गया था। वो भी बिना जांच पड़ताल के किराएदार का बिना वैरिफिकेशन किए .
पुलिस ने अलग- अलग शहरों में डाली दबिश
फिलहाल पुलिस ने गोदाम मालिक गुलशन और अनिल को हिरासत में ले लिया है क्योंकि अनिल ने ही गोदाम को किराए पर दिलवाया था। गुलशन और अनिल दोस्त बताए जा रहे हैं। अब इस भांडाफोड़ की इनसाइड स्टोरी जान लीजिए। दरअसल 5 हजार करोड़ की ड्रग्स मिलने के बाद पुलिस एक्टिव हो गई थी। पुलिस ने अलग अलग शहरों से कई गिरफ्तारियां की .
मामले में चेन्नई से अखलाक और सफी, हापुड़ से तुषार को अरेस्ट किया गया। इस मामले में अब तक 7 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। जिसने गोदाम किराए पर लिया था, वो तो लंदन फरार हो गया है।
स्पेशल सेल को सेंट्रल एजेंसीज ने इंटरनेशल रैकेट का इनपुट शेयर किया था। जिसको लेकर इस नेक्सस से जुड़े और लोगो की तलाश की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि इस खतरनाक खेल में और कौन कौन से लोग शामिल हैं .
इंटरनेशल रैकेट कर रहा है काम
इस खेल के पीछे पूरा एक इंटरनेशल नेक्सस काम कर रहा है। असल में तुषार गोयल, जिसको हापुड़ से अरेस्ट किया गया था। दरअसल वो ड्रग सिंडिकेट के इंटरनेशनल सरगना वीरेंद्र बैसोया के लिए काम करता था।
स्पेशल सेल को पता चला है कि बैसोया ही इस पूरे रैकेट को मिडिल ईस्ट से चला रहा है। बैसोया ने ही लंदन से दो लोगों को भारत भेजा था, जिसमें एक जस्सी और दूसरा जिसने रमेशनगर में गोदाम किराए पर लिया था।
जस्सी ड़्रग्स की 5 हजार करोड़ वाली खेप तो वहीं दूसरा दो हजार करोड़ की खेप लेकर दिल्ली आया। जब रमेशनगर में रखी ड्रग्स की खबर पुलिस को लगी तब दूसरा आरोपी लंदन फरार हो गया .