जूही चावला को पसंद नहीं थे बच्चे, मां बनने से पहले ऐसा क्यों सोचती हैं औरतें?
जूही चावला ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि मां बनने से पहले उन्हें बच्चे बिल्कुल पसंद नहीं थे। उनके इस बयान ने यह सवाल खड़ा किया है कि आखिर क्यों कुछ महिलाएं मां बनने से पहले इस विचार के प्रति नकारात्मक होती हैं और ऐसी सोच उनके मन में क्यों जन्म लेती है। जूही का कहना है कि वह पहले अपनी स्वतंत्रता और करियर में डूबी हुई थीं और उनका जीवन बच्चों के बिना भी पूरी तरह से पूरा और खुशहाल लगता था।
जूही का जीवन और बच्चों के प्रति विचार
जूही चावला ने कहा कि “मुझे बच्चों से कभी कोई खास लगाव नहीं था” और उन्होंने कभी भी यह नहीं सोचा था कि एक दिन वह मां बनेंगी। वह अपने करियर में व्यस्त थीं और उन्हें अपने निजी जीवन के लिए भी समय चाहिए था। लेकिन फिर, जब उन्होंने महसूस किया कि परिवार का हिस्सा बनने का भी एक अलग ही आकर्षण और खुशी है, तो उनका नजरिया बदल गया। जूही ने यह भी बताया कि उन्होंने और उनके पति ने बच्चों के बारे में काफी सोच-समझ कर निर्णय लिया और अंत में उन्होंने अपनी बेटी जाह्नवी और बेटे अर्यन को अपनाया, जिनके बिना उनका जीवन अधूरा सा लगता है।
मां बनने से पहले क्यों सोचती हैं महिलाएं?
जूही के इस बयान के बाद कई महिलाएं इस मुद्दे पर सोचने पर मजबूर हो सकती हैं कि मां बनने से पहले ऐसी नकारात्मक सोच क्यों आती है? दरअसल, कई महिलाओं के लिए करियर, स्वतंत्रता और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे पहले आते हैं। खासकर आजकल की महिलाओं के लिए, जिनकी जिंदगी काम, व्यक्तिगत लक्ष्यों और स्वच्छंदता से भरी होती है, मां बनना एक बड़ा बदलाव हो सकता है। इसके अलावा, समाज में बनी मां बनने के दबाव को लेकर भी महिलाओं के मन में भ्रम और डर हो सकता है।
मानसिक और शारीरिक बदलाव
मां बनने से पहले महिलाएं अक्सर यह सोचती हैं कि उनके शारीरिक बदलाव, कामकाजी जीवन में कमी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर असर को कैसे मैनेज किया जाएगा। ऐसे विचार समाज के उस दबाव से उत्पन्न होते हैं, जहां महिलाओं को यह उम्मीद की जाती है कि वह सिर्फ मां और पत्नी की भूमिका में सिमटकर न रह जाएं, बल्कि अपने सपनों और इच्छाओं को भी पूरा करें।