बच्चे को लगवाई MMR वैक्सीन, तो उसे हो सकता है ऑटिज़्म? एक्सपर्ट ने बताया सच
MMR (Measles, Mumps, and Rubella) वैक्सीन के बारे में कई मिथक और भ्रांतियाँ फैली हुई हैं, जिनमें से एक यह है कि यह वैक्सीन बच्चों में ऑटिज़्म का कारण बन सकती है। इस विषय पर विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि यह धारणा पूरी तरह से गलत है।
क्या है MMR वैक्सीनेशन?
MMR वैक्सीन एक संयोजन वैक्सीन है, जो बच्चों को खसरा, कुकुरखांसी (मम्प्स), और रूबेला (German measles) से बचाती है। यह वैक्सीन आमतौर पर 12-15 महीने की उम्र में और फिर 4-6 साल की उम्र में दी जाती है।
ऑटिज़्म और वैक्सीनेशन के बीच संबंध
- अनुसंधान के निष्कर्ष: कई वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान यह दर्शाते हैं कि MMR वैक्सीन और ऑटिज़्म के बीच कोई संबंध नहीं है। एक प्रमुख अध्ययन, जो 1998 में प्रकाशित हुआ था, ने इस मिथक को जन्म दिया था, लेकिन बाद में इसे विज्ञान के मानकों के खिलाफ पाया गया और इसे खारिज कर दिया गया।
- अनेक अध्ययनों की पुष्टि: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) सहित कई स्वास्थ्य संस्थाओं ने MMR वैक्सीन को ऑटिज़्म के जोखिम से मुक्त बताया है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीनेशन न केवल बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाता है, बल्कि यह सामूहिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब बच्चे समय पर वैक्सीनेट होते हैं, तो वे न केवल खुद को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि अन्य बच्चों को भी बचाते हैं, जो वैक्सीनेशन नहीं करवा सकते हैं।