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आगरमालवा- ओज़ोन दिवस पर महाविद्यालय में हुआ “जीवन के लिए ओज़ोन विश्व सहयोग के 35 वर्ष“ थीम पर आयोजन।

फोटो शोशल मीडिया

18 / 09 / 2024 (PB शब्द)

ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए कल अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन दिवस के मौके पर आगरमालवा स्थित प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सिलेंस शासकीय नेहरू स्नातकोतर महाविद्यालय आगरमालवा में “जीवन के लिए ओज़ोन विश्व सहयोग के 35 वर्ष“ थीम पर हुए आयोजन में वक्ताओं द्वारा बताया गया कि पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर ओज़ोन गैस की एक परत होती है।

जिसे ओजोन परत कहते हैं। यह एक प्राकृतिक सनस्क्रीन की तरह है जो हमारी पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है, जो त्वचा कैंसर, आंखों की समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं, और पौधों और जानवरों को भी नुक़सान पहुँचा सकती  है।

अतीत  में मानवीय गतिविधियां जैसे कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन नामक कुछ रसायनों के उपयोग ने ओज़ोन परत को काफ़ी नुक़सान पहुंचाया है। जिससे सभी जीवित प्राणियों के लिए जोखिम बढ़ गया है। इस ख़तरे को पहचानते हुए दुनिया भर के देशों ने एक साथ आकर 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर  हस्ताक्षर किए इस समझौते का उद्देश्य ओज़ोन परत को नुक़सान पहुँचानेवाले हानिकारक पदार्थों के उपयोग को कम करना और अंततः समाप्त करना था।

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