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ऐसे थे अपने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम: राष्ट्रपति होकर भी मेहमानों का खर्च उठाया, 24 बच्चों की जिंदगी भी बचाई

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जो भारत के 11वें राष्ट्रपति थे, अपने कार्यकाल में एक साधारण और प्रेरणादायक व्यक्ति के रूप में जाने गए। उनकी उपलब्धियाँ और कार्यशैली आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं। आइए जानते हैं उनके कुछ खास पहलुओं के बारे में जो उन्हें एक अद्वितीय नेता बनाते हैं।

राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी साधारणता

डॉ. कलाम ने राष्ट्रपति बनने के बाद भी अपनी साधारण जीवनशैली को नहीं छोड़ा। वे हमेशा मेहमानों के साथ सहानुभूति और विनम्रता से पेश आते थे। एक बार एक समारोह में, जब उनके मेहमानों ने उनके आवास पर रहने के लिए खर्च करने की बात की, तो उन्होंने स्वयं उस खर्च को उठाने का निर्णय लिया। यह उनकी विनम्रता और जनहित के प्रति उनकी भावना को दर्शाता है।

बच्चों के प्रति समर्पण

डॉ. कलाम का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उन्हें उचित अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने 24 बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए उनके इलाज का खर्च उठाया। यह उनकी दयालुता और मानवता की मिसाल है। उन्होंने हमेशा बच्चों को प्रेरित किया और उनके विकास के लिए निरंतर प्रयास किए।

शिक्षा और विज्ञान के प्रति लगाव

डॉ. कलाम ने हमेशा शिक्षा को महत्व दिया और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया। उन्होंने कई युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपने सपनों का पीछा करें और देश के विकास में योगदान दें। उनके विचार और दृष्टिकोण ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।

प्रेरणा का स्रोत

डॉ. कलाम की जीवन गाथा और उनके कार्य आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका मानना था कि “सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।” उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से यह साबित किया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी बाधा पार की जा सकती है।

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