कंसीव करने में आ रही है दिक्कत? डॉक्टर के पास जाकर कराएं ये 3 टेस्ट, PCOD के अलावा हो सकती है समस्या
आजकल की तेज-तर्रार जीवनशैली और बदलती खानपान आदतों के कारण कई महिलाएं गर्भधारण (कंसीव) करने में मुश्किलों का सामना कर रही हैं। अक्सर लोग सोचते हैं कि कंसीव न कर पाने का कारण केवल PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) है, लेकिन यह समस्या इससे कहीं अधिक जटिल हो सकती है। कई बार अन्य कारण भी हो सकते हैं जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
यदि आपको लंबे समय से कंसीव करने में कठिनाई हो रही है, तो यह जरूरी है कि आप एक विशेषज्ञ से परामर्श लें। डॉक्टर आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट की सलाह दे सकते हैं ताकि समस्या की जड़ का पता लगाया जा सके। आइए जानते हैं उन 3 टेस्ट के बारे में जो कंसीव न कर पाने की समस्या को समझने में मदद कर सकते हैं।
1. एंटी-मुलरियन हार्मोन (AMH) टेस्ट
AMH टेस्ट का उपयोग महिलाओं के ओवेरियन रिज़र्व (अंडाशय की क्षमता) की जांच के लिए किया जाता है। अगर AMH लेवल कम है, तो इसका मतलब है कि महिला के अंडाशय में अंडाणु की संख्या कम हो रही है।
क्यों जरूरी है यह टेस्ट?
- उम्र बढ़ने के साथ-साथ AMH का स्तर कम हो सकता है, जिससे गर्भधारण की संभावनाएँ घट जाती हैं।
- यह टेस्ट यह भी बताता है कि महिला के अंडाशय कैसे काम कर रहे हैं और IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के लिए कितने उपयुक्त हैं।
टेस्ट कब कराएं?
- मासिक धर्म चक्र के किसी भी दिन यह टेस्ट कराया जा सकता है।
2. हॉर्मोनल प्रोफाइल टेस्ट
यह टेस्ट महिलाओं के हार्मोन स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है, जिसमें थायरॉइड, प्रोलैक्टिन, LH (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन), और FSH (फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन) शामिल होते हैं।
क्यों जरूरी है यह टेस्ट?
- थायरॉइड और प्रोलैक्टिन के असंतुलन के कारण भी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है।
- LH और FSH हार्मोन की असमानता के कारण ओव्यूलेशन की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
- हार्मोनल असंतुलन का जल्द पता चलने से इसका समय पर इलाज संभव हो सकता है।
टेस्ट कब कराएं?
- मासिक धर्म चक्र के 2-5वें दिन यह टेस्ट कराया जाता है।
3. हाइस्टीरोसैल्पिंगोग्राफी (HSG) टेस्ट
यह टेस्ट फेलोपियन ट्यूब और यूटेरस की संरचना को जांचने के लिए किया जाता है। अगर फेलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है, तो स्पर्म अंडाणु तक नहीं पहुंच पाते, जिससे गर्भधारण मुश्किल हो जाता है।
क्यों जरूरी है यह टेस्ट?
- अगर किसी महिला की फेलोपियन ट्यूब ब्लॉक है, तो उसे प्राकृतिक रूप से कंसीव करने में समस्या आ सकती है।
- यह टेस्ट यूटेरस की किसी भी असामान्यता का भी पता लगा सकता है, जैसे फाइब्रॉइड या पॉलीप्स।
टेस्ट कब कराएं?
- यह टेस्ट मासिक धर्म समाप्त होने के तुरंत बाद कराया जाता है।
PCOD और अन्य संभावित समस्याएँ
कई महिलाएं यह मानती हैं कि अगर वे कंसीव नहीं कर पा रही हैं, तो इसका कारण केवल PCOD हो सकता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है। अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि:
- एंडोमेट्रियोसिस: इसमें यूटेरस के टिश्यू बाहर बढ़ने लगते हैं, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
- फेलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज: यह आमतौर पर संक्रमण या किसी अन्य शारीरिक असामान्यता के कारण होता है।
- ओवेरियन रिजर्व की कमी: बढ़ती उम्र या अन्य कारणों से अंडाणु की संख्या में गिरावट हो सकती है।