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बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू

“उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हर साल सर्दियों के मौसम में बद्रीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं और अगले साल गर्मियों में दोबारा खोले जाते हैं। इस बार भी परंपराओं का पालन करते हुए मंदिर को बंद करने की तैयारी की जा रही है”

मुख्यमंत्री ने किए दर्शन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बद्रीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की और मंदिर के पुजारियों से बातचीत भी की।

धार्मिक परंपराओं का पालन

मंदिर प्रशासन और पुजारियों के अनुसार, कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार की जा रही है। बद्रीनाथ धाम के कपाट इस साल 18 नवंबर को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद बंद कर दिए जाएंगे। सर्दियों में मंदिर के अंदर भगवान बदरीविशाल की पूजा जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर में की जाएगी।

तीर्थयात्रियों की भीड़

कपाट बंद होने से पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। लोग भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर पुण्य लाभ कमा रहे हैं। ठंड के बावजूद तीर्थयात्रियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

आवश्यक तैयारियां पूरी

मंदिर समिति ने कपाट बंद होने की प्रक्रिया के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं।

निष्कर्ष

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने का समय हमेशा श्रद्धालुओं के लिए भावुक होता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत का भी अभिन्न हिस्सा है। अब सभी की निगाहें अगले साल कपाट खुलने की तारीख पर टिकी हैं, जब फिर से भगवान बदरीविशाल के दर्शन का अवसर मिलेगा।

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