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ब्रिक्स संसदीय फोरम 2025: सहयोग, आतंकवाद पर एकजुटता और AI के जिम्मेदार उपयोग पर हुई चर्चा

ब्रिक्स संसदीय फोरम का 11वां संस्करण हाल ही में संपन्न हुआ, जहां सदस्य देशों के संसदों ने वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक रूप से गंभीर विमर्श किया। लोकसभा अध्यक्ष ने इस फोरम को सफल और सार्थक बताते हुए आयोजन के मेज़बान देश की संसद, सरकार और जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। इस आयोजन में भारत की ओर से सक्रिय भागीदारी रही।

ब्रिक्स संसदीय सहयोग को मिली नई गति

संसदों के बीच सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता

ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों ने इस मंच पर संसदीय संवाद और सहयोग को मजबूती देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने साझा अनुभवों और श्रेष्ठ विधायी प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान को लोकतांत्रिक शासन की नींव बताया।

वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण

भारत ने फोरम में यह स्पष्ट किया कि ब्रिक्स संसदीय फोरम जैसे मंचों से विधि के शासन, पारदर्शिता और वैश्विक सहयोग को नई दिशा दी जा सकती है। प्रतिनिधियों ने पारस्परिक सम्मान और संवाद की संस्कृति को प्राथमिकता देने की बात कही।

AI के जिम्मेदार उपयोग पर हुई गहन चर्चा

आधुनिक तकनीक के लिए नैतिक दिशा-निर्देश

ब्रिक्स देशों ने स्वीकार किया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के समय की आवश्यकता है, लेकिन इसका उपयोग जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ होना चाहिए। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता बताई गई।

एआई के नैतिक और सामाजिक प्रभाव

फोरम में एआई के गलत उपयोग की आशंका, डेटा गोपनीयता, और स्वचालित निर्णय लेने की सीमाओं पर चर्चा हुई। प्रतिनिधियों ने इस पर संयुक्त शोध और नीति निर्माण की सहमति जताई।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संकल्प

जम्मू-कश्मीर की घटना की निंदा

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की सभी ब्रिक्स देशों ने कड़ी निंदा की। संयुक्त संकल्प में स्पष्ट किया गया कि आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनानी चाहिए।

भारत के रुख का समर्थन

लोकसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वैश्विक आतंकवाद पर अपनाए गए सख्त रुख की याद दिलाई। प्रतिनिधियों ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक सहयोग की जरूरत को दोहराया।

आर्थिक समावेशन और व्यापार सहयोग पर विमर्श

व्यापार के नए अवसर और साझेदारी

ब्रिक्स प्रतिनिधियों ने व्यापार, निवेश और आर्थिक समावेशन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने विकासशील देशों के लिए नए व्यापार मॉडल और साझा मंच तैयार करने पर सहमति जताई।

सतत विकास में साझेदारी की भूमिका

सदस्य देशों ने जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करने की बात कही। भारत ने इस दिशा में तकनीकी और नीति-स्तरीय सहयोग का सुझाव दिया।

भारत करेगा अगले ब्रिक्स संसदीय फोरम की मेज़बानी

भारत की तैयारियां और दृष्टिकोण

लोकसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी कि अगला ब्रिक्स संसदीय फोरम भारत में आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि भारत आयोजन को सफल बनाने के लिए एक ठोस एजेंडा तैयार करेगा, जिसमें एआई, व्यापार, समाज और अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम विषयों पर गहन संवाद शामिल होगा।

संसदों के बीच संवाद से बनेगा भविष्य

उन्होंने कहा कि संसदीय संवाद और अनुभवों के आदान-प्रदान के माध्यम से नीतियों में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। इससे नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।

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