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भूलने की बीमारी बन सकती है जानलेवा, बुजुर्गों में सबसे ज्यादा करती है परेशान

उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनमें से एक है याददाश्त कमजोर होना। हालांकि, कभी-कभी यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि इसे डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बीमारियों का रूप ले लेती है। ये भूलने की बीमारियां न सिर्फ व्यक्ति की दैनिक जिंदगी को प्रभावित करती हैं, बल्कि कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।

भूलने की बीमारी क्या है?

बुढ़ापे में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली यह बीमारी अल्जाइमर या डिमेंशिया के रूप में जानी जाती है। इसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और धीरे-धीरे वह अपने दैनिक कार्य करने में भी असमर्थ हो जाता है। यह बीमारी दिमाग की कोशिकाओं के क्षय के कारण होती है, जो समय के साथ बढ़ती जाती है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और उम्र के साथ ज्यादा स्पष्ट हो जाते हैं। इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

  1. याददाश्त कमजोर होना: छोटी-छोटी बातें भूलना, हाल की घटनाएं याद न रहना।
  2. कन्फ्यूजन: समय, तारीख या जगह का भ्रम होना।
  3. भाषा में समस्या: बोलने या शब्दों को याद रखने में दिक्कत।
  4. निर्णय क्षमता में कमी: साधारण निर्णय लेने में परेशानी।
  5. व्यवहार में बदलाव: चिड़चिड़ापन, अवसाद या उदासी महसूस करना।

जानलेवा कैसे बन सकती है?

डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियां धीरे-धीरे व्यक्ति की मस्तिष्क क्षमता को पूरी तरह से प्रभावित कर देती हैं, जिससे वह खुद की देखभाल करने में असमर्थ हो जाता है। कई बार ये बीमारियां इतनी गंभीर हो जाती हैं कि व्यक्ति को अपना नाम, पता, और यहां तक कि अपने परिवार के सदस्यों को भी याद रखना मुश्किल हो जाता है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है और रोगी की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इसके अलावा, बीमारी के अंतिम चरण में मरीजों में शारीरिक और मानसिक क्षमता इतनी कमजोर हो जाती है कि इससे जानलेवा स्थिति भी बन सकती है।

कैसे करें बचाव?

इस बीमारी से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

  1. स्वस्थ खानपान: पौष्टिक आहार, विशेषकर विटामिन बी, डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन से मस्तिष्क को स्वस्थ रखा जा सकता है।
  2. मानसिक व्यायाम: नियमित रूप से मस्तिष्क को सक्रिय रखने वाले कार्य, जैसे पढ़ना, लिखना, और खेल खेलना, डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकते हैं।
  3. नियमित शारीरिक व्यायाम: शारीरिक गतिविधियों से शरीर और दिमाग दोनों स्वस्थ रहते हैं।
  4. समय पर जांच: भूलने की समस्या बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक जांच करवाएं।

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