NationalNews

पीएम मोदी ने 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित कर ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने का दिया संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 65 लाख संपत्ति कार्डों का वितरण किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते पांच वर्षों में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को संपत्ति कार्ड प्रदान किए गए हैं।

स्वामित्व योजना: ग्रामीण भारत के लिए बड़ा कदम

स्वामित्व योजना अप्रैल 2020 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी संपत्तियों का कानूनी अधिकार देना है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों का आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन मैपिंग से सर्वेक्षण किया जाता है, जिससे संपत्तियों का सटीक रिकॉर्ड तैयार होता है। इससे न केवल संपत्ति विवादों को कम किया जा रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिल रहा है।

संपत्ति कार्ड का महत्व

पीएम मोदी ने कहा कि संपत्ति कार्ड के माध्यम से लोगों को उनकी जमीन और घर का कानूनी प्रमाण मिलता है। यह न केवल उनके अधिकारों को सुनिश्चित करता है, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण का एक बड़ा साधन भी बनता है।

  • आर्थिक लाभ: संपत्ति कार्ड के जरिए ग्रामीण लोग अपनी जमीन को वित्तीय लेन-देन और बैंक लोन के लिए उपयोग कर सकते हैं।
  • पारदर्शिता: इस योजना के तहत संपत्ति अधिकार मिलने से विवाद कम होते हैं और ग्रामीण प्रशासन में पारदर्शिता आती है।
  • सशक्तिकरण: प्रॉपर्टी राइट्स से लोगों को आत्मनिर्भर बनने और गरीबी को कम करने में मदद मिलती है।

वैश्विक महत्व और चुनौतियां

प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी और स्वास्थ्य संकट जैसी वैश्विक चुनौतियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संपत्ति अधिकार इन समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। स्वामित्व योजना जैसे प्रयास भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में ले जा रहे हैं।

स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत के लिए एक क्रांतिकारी पहल है, जो लोगों को उनकी संपत्तियों का कानूनी अधिकार देकर सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है। यह योजना न केवल विवादों को कम कर रही है, बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *