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प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति वांस की मुलाकात: परमाणु ऊर्जा निवेश पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। इस बैठक में भारत में अमेरिकी परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी में निवेश पर गहन चर्चा हुई।

बैठक के मुख्य बिंदु:
भारत में अमेरिकी परमाणु ऊर्जा निवेश पर विचार-विमर्श
2047 तक भारत में परमाणु ऊर्जा उत्पादन को 100 गीगावाट तक बढ़ाने की योजना
स्वच्छ और विश्वसनीय ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने पर चर्चा
परमाणु ऊर्जा अधिनियम में सुधार की संभावनाएं

प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति वांस के बीच गर्मजोशी भरी बातचीत

बैठक के दौरान उपराष्ट्रपति वांस की भारतीय मूल की पत्नी उषा वांस और उनके दो बच्चे भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने उपराष्ट्रपति वांस के बेटे विवेक को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उनके परिवार को उपहार भी दिए।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर इस मुलाकात को शानदार बताया और कहा कि इसमें कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।

उपराष्ट्रपति वांस ने भी बयान जारी कर कहा:
“प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठकर कॉफी पी और दोनों देशों के हितों से जुड़े विषयों पर गहराई से चर्चा की। खासकर स्वच्छ और विश्वसनीय परमाणु ऊर्जा तकनीक के जरिए भारत को अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने में मदद करने के तरीकों पर विचार किया गया।”

भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन को लेकर बड़ी योजना

भारत ने हाल ही में 2047 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन को 100 गीगावाट तक बढ़ाने की योजना का ऐलान किया है।
इसके लिए सरकार परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी कर रही है।
इन कानूनों को विदेशी निवेश के लिए बाधा माना जाता था, क्योंकि यह परमाणु दुर्घटनाओं की स्थिति में कंपनियों की जवाबदेही तय करता है।
अब इन नीतिगत बदलावों के जरिए विदेशी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

अमेरिका की ऊर्जा कंपनियां भी भारत की इस पहल में रुचि दिखा रही हैं।
परमाणु ऊर्जा को भारत के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पीएम मोदी वाशिंगटन डीसी के लिए होंगे रवाना

फ्रांस दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के लिए रवाना होंगे, जहां वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
यह बैठक राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की पहली व्यक्तिगत मुलाकात होगी।
प्रधानमंत्री मोदी पहले विदेशी नेताओं में से एक हैं, जिनका ट्रंप ने अपने नए कार्यकाल के शुरुआती दिनों में स्वागत किया है।

इस मुलाकात में मुख्य रूप से इन विषयों पर चर्चा होगी:
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को गति देना
स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना
भारत के तकनीकी और एआई क्षेत्रों में अमेरिकी कंपनियों के निवेश को प्रोत्साहन

भारत-अमेरिका संबंधों को मिलेगी नई मजबूती

भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए, यह बैठक दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को लेकर लिए गए निर्णय भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
अमेरिकी कंपनियों के भारत में निवेश से नई नौकरियों और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

इस मुलाकात के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी।
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी के रास्ते खुलेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस की मुलाकात भारत-अमेरिका परमाणु ऊर्जा सहयोग को एक नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है। इस बैठक से स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

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