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गन्ना किसानों के लिए बड़ी राहत: केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने की एफआरपी ₹355 प्रति क्विंटल तय की

देश के गन्ना किसानों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा राहत भरा फैसला लिया है। आगामी चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने की एफआरपी 2025-26 यानी उचित और लाभकारी मूल्य ₹355 प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने लिया है।

गन्ने की एफआरपी 2025-26: लागत से 105.2% अधिक भुगतान सुनिश्चित

क्या है एफआरपी और यह क्यों ज़रूरी है?

एफआरपी यानी Fair and Remunerative Price वह न्यूनतम मूल्य है जो सरकार गन्ना किसानों को देने के लिए निर्धारित करती है। इससे किसानों को फसल की उत्पादन लागत से बेहतर रिटर्न मिलता है और वे आर्थिक रूप से सशक्त होते हैं।

2025-26 सीजन के लिए एफआरपी ₹355 प्रति क्विंटल तय की गई है, जो कि सरकार द्वारा मानी गई ₹173 प्रति क्विंटल की उत्पादन लागत (A2+FL) से 105.2% अधिक है।

रिकवरी दर के आधार पर कैसे तय होता है गन्ने का मूल्य?

10.25% रिकवरी दर पर ₹355 का भुगतान

नई एफआरपी 10.25% रिकवरी दर के आधार पर लागू होगी। यानी गन्ने से यदि 10.25% चीनी निकलती है तो किसान को ₹355 प्रति क्विंटल भुगतान किया जाएगा।

  • हर 0.1% अतिरिक्त रिकवरी पर: ₹3.46 प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिलेगा
  • 0.1% कम रिकवरी पर: ₹3.46 की कटौती की जाएगी
  • 9.5% से कम रिकवरी पर: कोई कटौती नहीं होगी, न्यूनतम ₹329.05 प्रति क्विंटल भुगतान सुनिश्चित किया गया है

इस निर्णय से कितने किसानों को होगा लाभ?

5 करोड़ किसानों और 5 लाख श्रमिकों को मिलेगा सीधा फायदा

इस फैसले से देशभर के लगभग:

  • 5 करोड़ गन्ना किसान
  • उनके आश्रित परिवार
  • 5 लाख चीनी मिल श्रमिक
  • खेत मजदूर, ट्रांसपोर्ट और सहायक सेवाओं से जुड़े लोग

सीधे लाभान्वित होंगे। इस निर्णय से न केवल गन्ना उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे जुड़े उद्योगों को भी स्थायित्व मिलेगा।

एफआरपी 2025-26: किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने वाला कदम

4.41% की वृद्धि पिछले सीजन की तुलना में

वर्तमान सीजन 2024-25 की तुलना में एफआरपी में 4.41% की वृद्धि की गई है, जो यह दर्शाता है कि सरकार कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए लगातार प्रयासरत है।

एफआरपी निर्धारण में किन-किन बातों का ध्यान रखा गया?

CACP की सिफारिशों के आधार पर फैसला

इस मूल्य निर्धारण में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशें प्रमुख रही हैं। इसके अलावा, राज्य सरकारों, चीनी मिल प्रतिनिधियों, और कृषि विशेषज्ञों से भी परामर्श लिया गया।

भुगतान व्यवस्था में सुधार: बीते वर्षों की स्थिति कैसी रही?

सीजनदेय राशि (₹ करोड़)भुगतान (₹ करोड़)भुगतान प्रतिशत
2023-241,11,7821,11,70399.92%
2024-2597,27085,094 (अब तक)87% (प्रगति पर)

इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी कार्य कर रही है।

गन्ना मूल्य नीति: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम

कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता

केंद्र सरकार की यह नीति ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को मजबूती देती है। किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य देने से न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी।

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