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संजय झा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया के नहदलातुल उलमा नेताओं से आतंकवाद और धार्मिक चरमपंथ के खिलाफ समर्थन मांगा

जनता दल यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को इंडोनेशिया में विश्व के सबसे बड़े इस्लामी संगठन ‘नहदलातुल उलमा (एनयू)’ के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद और धार्मिक चरमपंथ के खिलाफ समर्थन की अपील की।

प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामी संगठन के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के.एच. उलिल अबशार अब्दुल्ला और समिति सदस्य खोलीली खोलील से बातचीत की, जिनसे भारत के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ रुख की पुष्टि की गई।

धार्मिक चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता

संजय झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि नहदलातुल उलमा के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर वे सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया दोनों देशों के बीच आतंकवाद और धार्मिक उग्रवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की जरूरत है।

प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के साझा मूल्यों पर भी ज़ोर दिया, विशेषकर ‘भिन्नेका तुंगल इका’ के सिद्धांत पर, जिसका अर्थ है “अनेकता में एकता”।

यह मूल्य दोनों देशों के शांति और न्याय के प्रयासों की नींव हैं।

पहलागाम हमले की कड़ी निंदा और भारत-इंडोनेशिया सहयोग

कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के.एच. उलिल अबशार अब्दुल्ला ने 22 अप्रैल को हुए भीषण पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि उन्हें इस हमले का दर्द महसूस होता है।

उन्होंने भारत और इंडोनेशिया के बीच शांति, सहयोग और प्रगति के लिए संयुक्त रूप से काम करने की जरूरत पर बल दिया।

साझा मूल्यों के आधार पर आतंकवाद से मुकाबला

प्रतिनिधिमंडल ने भारत का समर्थन मांगा ताकि दोनों देश धार्मिक उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर दुनिया को एक सशक्त संदेश दे सकें।

भारत और इंडोनेशिया दोनों सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले शांतिप्रिय देश हैं, जो धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सद्भाव के आदर्श स्थापित करते हैं।

संसदीय प्रतिनिधिमंडल की राजनयिक बैठकों की जानकारी

प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को इंडोनेशिया में लगभग 20 देशों के राजनयिक मिशनों के राजदूतों से भी मुलाकात की।

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, आतंकवाद के खिलाफ भारत की सटीक प्रतिक्रिया और 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ संयमित, लेकिन निर्णायक कदम उठा रहा है।

आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते

प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं हैं।

उनका संदेश था कि

“खून और पानी साथ नहीं बह सकते।”

यह भारत की नीति और प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है।

धार्मिक सहिष्णुता, शांति और न्याय की साझा आवाज

प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के बीच धार्मिक सहिष्णुता, शांति और न्याय को बढ़ावा देने के लिए एक साझा आवाज बनने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से ही क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

संजय झा के नेतृत्व वाले सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा भारत और इंडोनेशिया के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करता है।

धार्मिक चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से ही क्षेत्रीय और वैश्विक शांति स्थापित हो सकती है।

प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख अडिग है और इसके लिए सभी मित्र राष्ट्रों का सहयोग जरूरी है।

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