ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमले को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन’ बताया, डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया अमेरिकी हमले का
ईरान के ‘एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन’ ने अपने न्यूक्लियर साइट्स पर हुए हमलों को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन’ करार दिया है। हालांकि, ईरानी एजेंसी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि हमलों से कितना नुकसान हुआ है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं। यह हमला रविवार सुबह 4:30 बजे (भारतीय समय के अनुसार) हुआ।
न्यूक्लियर डेवलपमेंट जारी रहेगा
ईरान ने इस हमले के बाद यह साफ किया कि वह अपने ‘नेशनल इंडस्ट्री’ के काम को नहीं रोकेगा, जो किसी भी हाल में ईरान के न्यूक्लियर डेवलपमेंट के लिए आवश्यक है। ईरान की एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने एक बयान में कहा, “हमारे दुश्मनों की साजिशों के बावजूद, हमारे हजारों क्रांतिकारी और वैज्ञानिकों की कोशिशों से हम इस नेशनल इंडस्ट्री के डेवलपमेंट को नहीं रोकेंगे। यह वही कार्यक्रम है, जिसके लिए हमारे न्यूक्लियर वैज्ञानिकों ने अपनी शहादत दी है।”
अमेरिकी सेना ने 3 न्यूक्लियर साइट्स पर हमले किए
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु स्थलों पर सफल हमला किया है। उन्होंने ‘ट्रुथ’ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, “हमने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स—फोर्डो, नतांज और एस्फाहान, पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है। अब सभी प्लेन ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई।” ट्रंप ने यह भी कहा, “यह अमेरिका, इजरायल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मौका है। अब समय है कि ईरान इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सहमत हो।”
ट्रंप का ईरान को वार्ता के लिए 2 हफ्ते का समय
इससे पहले, 13 जून को ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईरान को अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बातचीत करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। यह बयान ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया था, जिसमें उन्होंने ईरान से बातचीत की उम्मीद जताई थी।
इजरायल-ईरान संघर्ष: हवाई हमले और प्रतिशोध
इजरायल ने 13 जून को ईरान पर हवाई हमले शुरू किए थे, जिसके परिणामस्वरूप कई बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए थे और ईरानी सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी। इसके बाद, ईरान ने इजरायल के कई स्थानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे। यह इजरायल-ईरान संघर्ष एक नई दिशा में बढ़ता जा रहा है, जिसमें दोनों देशों के बीच तुरंत जवाबी हमले हो रहे हैं।
ईरान पर हुए हमले और ट्रंप का दावा यह दर्शाता है कि न्यूक्लियर विवाद के बीच वैश्विक राजनीति और संघर्ष की स्थिति गंभीर होती जा रही है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति की स्थिति खतरे में है। अंतरराष्ट्रीय कानून और वैश्विक सुरक्षा पर इस संघर्ष का क्या असर होगा, यह समय ही बताएगा।