Akshaya Navami 2024: गंगा और तुलसी की तरह इस वृक्ष के फल में भी है रोग, शोक तथा नष्ट करने की अद्भुत शक्ति
हर साल, विशेष धार्मिक अवसरों पर, भारत में कई प्रकार की धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण दिन है अक्षय नवमी। यह दिन खास तौर पर हिंदू पंचांग के अनुसार नवमी तिथि को मनाया जाता है और इस दिन विशेष रूप से कुछ पौधों और वृक्षों की पूजा का महत्व है। इस वर्ष 2024 में अक्षय नवमी का पर्व 13 नवंबर को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि गंगा, तुलसी के अलावा एक अन्य वृक्ष के फल में भी अद्भुत और दिव्य शक्ति मानी जाती है, जो रोग, शोक और नष्ट करने की क्षमता रखता है।
कैसे यह वृक्ष और उसका फल है अद्भुत?
अक्षय नवमी के दिन विशेष रूप से पूजा की जाने वाली आंवला (Amla) के वृक्ष और उसके फल की मान्यता बहुत पुरानी है। भारतीय संस्कृति में आंवला का अत्यधिक धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व है। इसे धर्म का प्रतीक और चिकित्सा का वरदान माना जाता है। आंवला का फल न केवल शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि यह मानसिक शांति, खुशहाली और समृद्धि के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।
रोग, शोक और नष्ट करने की शक्ति
आंवला के फल को रोग नाशक, शोक निवारक और नष्ट करने की शक्ति रखने वाला माना जाता है। इसके बारे में प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि आंवला के सेवन से शरीर की विभिन्न बीमारियों का इलाज संभव है, साथ ही यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
- रोग नाशक: आंवला के फल में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स, और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर में इन्फेक्शन और रोगों से बचाव करने की क्षमता रखते हैं। इसे खाने से शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता (Immunity) मजबूत होती है।
- शोक निवारक: धार्मिक दृष्टि से आंवला को एक शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके फल के सेवन से मानसिक शांति प्राप्त होती है और व्यक्ति की चिंताएं दूर होती हैं। यह किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव, दुःख और शोक को दूर करने में मदद करता है।
- नष्ट करने की शक्ति: आंवला के फल का प्रभाव केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। इसके नियमित सेवन से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और नकारात्मकता समाप्त होती है। यह आत्मा को शुद्ध करने में भी सहायक माना जाता है।
आंवला की पूजा और उपयोग का महत्व
अक्षय नवमी के दिन, आंवला के वृक्ष की पूजा विशेष महत्व रखती है। इसे घर में लगाना और इसके फल को पूजित करना शुभ माना जाता है। इस दिन आंवला के वृक्ष के नीचे बैठकर ध्यान और पूजा करना लाभकारी माना जाता है, क्योंकि इसे भाग्य और सुख-समृद्धि का संवर्धन करने वाला माना जाता है।
इसके अलावा, आंवला के फल का सेवन आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और व्यक्ति लंबे समय तक स्वस्थ रहता है।