बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: 10वीं वर्षगांठ के उत्सव की शुरुआत
“केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना की 10वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह उत्सव 22 जनवरी से शुरू होकर 8 मार्च, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के माध्यम से योजना के संदेश को देशभर में प्रचारित किया जाएगा।”
विज्ञान भवन में उद्घाटन समारोह
उद्घाटन समारोह 22 जनवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर उपस्थित रहेंगी।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
- सशस्त्र बलों और महिला अधिकारियों की भागीदारी: इस कार्यक्रम में सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस की महिला अधिकारी शामिल होंगी।
- छात्राओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का योगदान: माई भारत स्वयंसेवक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और जिले के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ), यूएन वूमेन, विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।
मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति का शुभारंभ
इस अवसर पर मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति पोर्टल का भी शुभारंभ किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मान समारोह और सामुदायिक अभियान आयोजित किए जाएंगे।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की प्रमुख उपलब्धियां
- लिंग अनुपात में सुधार: 2014-15 में जन्म के समय लिंग अनुपात 918 था, जो 2023-24 में बढ़कर 930 हो गया।
- शिक्षा में सुधार: माध्यमिक स्तर पर लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 2014-15 में 75.51% से बढ़कर 78% हो गया।
- संस्थागत प्रसव: 61% से बढ़कर 97.3% तक पहुंचा।
- प्रसवपूर्व देखभाल पंजीकरण: पहली तिमाही में यह 61% से बढ़कर 80.5% तक हो गया।
राष्ट्रीय आंदोलन का स्वरूप
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देश में लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात को सुधारना था। यह राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, जिसने सरकारी एजेंसियों, सिविल सोसायटी, मीडिया और जनता को संगठित कर लैंगिक भेदभाव के खिलाफ सांस्कृतिक बदलाव को प्रोत्साहित किया।
आने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा
पूरे उत्सव के दौरान प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान चलाए जाएंगे। वृक्षारोपण अभियान और सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देशभर में पहुंचाया जाएगा।