ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: कज़ान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक
रूस के कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति श्री शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बैठक के मुख्य बिंदु
- सामरिक सहयोग पर चर्चा: दोनों नेताओं ने भारत-चीन के बीच सामरिक और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में चर्चा की।
- व्यापारिक संबंधों पर फोकस: बैठक में व्यापार असंतुलन को दूर करने और आर्थिक साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- सीमा मुद्दे: दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और शांति बहाली के लिए संवाद को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी।
- ब्रिक्स की मजबूती: प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान कहा:
“भारत और चीन के बीच आपसी समझ और सहयोग केवल हमारे देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।”
वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
इस द्विपक्षीय बैठक में वैश्विक मुद्दों जैसे आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर भी दोनों नेताओं ने अपने विचार साझा किए।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का महत्व
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन रूस के कज़ान में हुआ, जहां सदस्य देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) वैश्विक विकास और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा कर रहे हैं।
- इस बैठक के जरिए भारत-चीन संबंधों को एक नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है।
- आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के कदम उठाए गए।
भारत-चीन संबंधों पर असर
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच यह बैठक दोनों देशों के बीच संवाद के नए रास्ते खोल सकती है।
- सीमा पर शांति बनाए रखने के प्रयास।
- व्यापार और निवेश को नई ऊंचाई देने की पहल।