Chhath Puja 2024 Niyam: आज नहाय खाय से होगा छठ पर्व का आरंभ, जानें छठ पूजा के जरूरी नियम और खास बातें
छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी माई की पूजा के लिए समर्पित है। इस वर्ष छठ पूजा का आरंभ आज “नहाय खाय” से हो रहा है। आइए जानते हैं इस पर्व के महत्व, नियम और विशेष बातें।
छठ पूजा का महत्व:
- छठ पूजा का त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें नहाय खाय, खुरमा, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य शामिल हैं।
- यह पर्व परिवार के कल्याण, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। सूर्य देवता और छठी माई की पूजा से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
छठ पूजा के चार चरण:
- नहाय खाय (1 नवंबर 2024):
- इस दिन श्रद्धालु स्वच्छता का ध्यान रखते हुए नहाते हैं और विशेष भोजन करते हैं।
- खाने में चना दाल, भात और कद्दू की सब्जी प्रमुख होते हैं।
- खुरमा (2 नवंबर 2024):
- इस दिन श्रद्धालु विशेष तौर पर हलवा, दाल, और ठेकुआ बनाते हैं।
- पूजा की तैयारी के साथ-साथ व्रति ध्यान और साधना में लिप्त रहते हैं।
- संध्या अर्घ्य (3 नवंबर 2024):
- इस दिन सूर्य देवता को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। श्रद्धालु विशेष स्थान पर जाकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
- इस दिन व्रति पूरी रात उपवासी रहकर भक्ति में लिप्त रहते हैं।
- उषा अर्घ्य (4 नवंबर 2024):
- यह छठ पूजा का अंतिम दिन होता है, जब श्रद्धालु सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
- इस दिन व्रति अपने परिवार और समाज के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
छठ पूजा के महत्वपूर्ण नियम:
- स्वच्छता: पूजा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। व्रति को स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनने चाहिए।
- उपवास: छठ पूजा के दौरान व्रति को उपवास रखना होता है। खाने में केवल शुद्ध वस्त्र और शुद्ध सामग्री का उपयोग करना चाहिए।
- विशेष आहार: नहाय खाय के दिन विशेष आहार तैयार करना चाहिए, जिसमें चना दाल और कद्दू की सब्जी का सेवन करना चाहिए।
- भक्ति और श्रद्धा: पूजा में भक्ति और श्रद्धा का ध्यान रखें, क्योंकि यह पूजा भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है।