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भारत-मालदीव संबंधों में नई मजबूती, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- ‘हमेशा साथ खड़ा रहेगा भारत’

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति की एक मजबूत अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली हमेशा मालदीव के साथ खड़ी रही है, खासकर जरूरत के समय में। जयशंकर ने यह बात नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील के साथ बैठक के दौरान कही।”


भारत-मालदीव के बीच सामुदायिक विकास परियोजनाओं पर हस्ताक्षर

बैठक के दौरान दोनों देशों ने सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजनाएं भारत सरकार की मदद से मालदीव में चरण-III के अंतर्गत चलाई जाएंगी। जयशंकर ने इस दौरान कहा कि भारत हमेशा मालदीव की प्रगति और समृद्धि का समर्थक रहेगा।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति और विजन सागर के तहत हम मालदीव की तरक्की के लिए प्रतिबद्ध हैं।”


मालदीव के विदेश मंत्री ने भारत की मदद की सराहना की

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत की तरफ से समय पर की गई वित्तीय मदद के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा, “हमारी साझेदारी सदियों पुरानी है। यह आपसी समझ, सम्मान और साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है।”

उन्होंने आगे कहा कि 2025 दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 साल पूरे होने का विशेष वर्ष है।


मालदीव-भारत साझेदारी पर खलील का बयान

खलील ने कहा कि मालदीव को भारत से कई मौकों पर मदद मिली है। उन्होंने कहा, “हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं जब भारत ने मुश्किल समय में तुरंत मदद पहुंचाई। भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का हमें बड़ा लाभ मिला है।”


भारत-मालदीव संबंधों में नई ऊर्जा

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत ने मालदीव के साथ अपने संबंधों को कई क्षेत्रों में बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है और हमारी साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास जारी रखेगा।”


साझा प्रयासों से और मजबूत होंगे रिश्ते

दोनों मंत्रियों ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान हुए समझौतों की प्रगति की समीक्षा की। इसके साथ ही उन क्षेत्रों पर चर्चा की गई जिनमें अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।


भारत और मालदीव के बीच रिश्ते दोस्ती, सम्मान और आपसी सहयोग पर आधारित हैं। भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और विजन सागर के तहत यह साझेदारी आने वाले वर्षों में और अधिक मजबूत होगी। दोनों देश न सिर्फ व्यापारिक बल्कि सामुदायिक विकास परियोजनाओं में भी सहयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं।



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