विशाखापत्तनम में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: प्रधानमंत्री मोदी ने किया भव्य योग आयोजन का नेतृत्व
“आज 21 जून को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (IDY 2025) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम में एक भव्य योग कार्यक्रम का नेतृत्व किया। इस आयोजन में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मंच पर उपस्थित रहे। इस विशाल आयोजन में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों और हजारों योग प्रेमियों ने भाग लिया।“
प्रधानमंत्री मोदी का उद्घाटन भाषण: योग का वैश्विक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “आज की दुनिया तनाव और अस्थिरता से गुजर रही है, लेकिन योग हमें शांति की दिशा दिखाता है। यह केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास नहीं है, बल्कि यह वैश्विक साझेदारी का माध्यम बन सकता है।” उन्होंने यह भी अपील की कि योग को लोकनीति का हिस्सा बनाना चाहिए ताकि यह मानवता की सेवा में और अधिक प्रभावी बन सके। मोदी ने कहा, “जब जनता किसी लक्ष्य को थाम लेती है, तो उसे कोई नहीं रोक सकता।”
भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को बढ़ावा देना
पीएम मोदी ने भारतीय संस्कृति को “सर्वे भवंतु सुखिनः” (सभी का भला हो) के सिद्धांत पर आधारित बताया और कहा, “भारत की आत्मा हमेशा इस भावना से जुड़ी रही है। जब व्यक्ति अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज के बारे में सोचता है, तभी समस्त मानवता का कल्याण होता है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि नेवी के जहाजों पर भी योग किया जा रहा है। ओपेरा हाउस की सीढ़ियों से लेकर हिमालय की चोटियों और समुद्र की गहराइयों तक, हर स्थान से यह संदेश आ रहा है कि “योग सभी का है और सभी के लिए है।”
विशाखापत्तनम के ऐतिहासिक योग सत्र का आयोजन
विशाखापत्तनम के आरके बीच पर 3.19 लाख लोगों के एकसाथ योग करने की व्यवस्था की गई थी। इस आयोजन में सुरक्षा, तकनीकी और अन्य व्यवस्थाओं की व्यापक तैयारी की गई थी, ताकि कार्यक्रम सुचारु रूप से संपन्न हो सके। योग दिवस के इस ऐतिहासिक आयोजन ने भारत के योग संदेश को वैश्विक मंच पर और भी सशक्त बना दिया है।
दुनिया भर में योग का महत्व: 8 लाख स्थानों पर योग का आयोजन
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत और दुनिया भर के करीब 8 लाख स्थानों पर लोग एकसाथ योग करेंगे। यह योग के प्रति दुनिया भर में बढ़ती जागरूकता और विश्वभर में शांति और स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में योग के योगदान को दर्शाता है।
योग का वैश्विक स्तर पर योगदान:
प्रधानमंत्री ने योग का अर्थ “जुड़ना” बताते हुए कहा कि यह देखकर गर्व होता है कि आज 21 जून को दुनिया 11वीं बार एकसाथ योग कर रही है। योग अब केवल एक अभ्यास नहीं बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। दिव्यांग साथी ब्रेल लिपि में योग पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, और गांवों के युवा योग ओलिंपियाड में भाग लेते हैं।
आज का 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक वैश्विक आंदोलन के रूप में उभरा है, जो न केवल शारीरिक तंदुरुस्ती बल्कि मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक संतुलन की दिशा में भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में योग के इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि योग केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का साधन नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज और पृथ्वी के लिए एक आवश्यक हिस्सा बन चुका है।