इजरायल सेना की लेबनान से आंशिक वापसी, पांच स्थानों पर अब भी मौजूद
“ इजरायल ने दक्षिणी लेबनान के गांवों से अपनी सेना हटा ली है, लेकिन अब भी पांच रणनीतिक बिंदुओं पर अपनी उपस्थिति बनाए रखी है। युद्ध विराम समझौते के तहत सेना वापसी की समय सीमा मंगलवार (18 फरवरी) को समाप्त हो गई, लेकिन इजरायल ने निर्धारित समय पर पूरी तरह से वापसी नहीं की।“
हिजबुल्लाह ने इजरायल की सीमित वापसी को खारिज किया और सेना की पूर्ण वापसी की मांग की।
इजरायल ने कहा कि वह ‘पांच रणनीतिक बिंदुओं’ पर सैनिकों को तैनात रखेगा।
लेबनान की सेना ने उन क्षेत्रों में तैनाती कर दी है, जहां से इजरायली सैनिक हट गए हैं।
हिजबुल्लाह ने इजरायल की आंशिक वापसी को किया खारिज
हिजबुल्लाह के महासचिव नईम कासिम ने सोमवार को कहा कि इजरायल को 18 फरवरी तक पूरी तरह से लेबनान से हटना होगा।
उन्होंने इजरायल के पांच बिंदुओं पर बने रहने के विचार को खारिज किया और कहा, “कोई पांच प्वाइंट नहीं, यही समझौता है।”
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि उनकी सेना हिजबुल्लाह के किसी भी उल्लंघन का जवाब देने के लिए तैयार रहेगी।
लेबनान के सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, इजरायली सेना सीमावर्ती गांवों से हट चुकी है लेकिन पांच प्रमुख बिंदुओं पर बनी हुई है।
युद्ध विराम समझौते की शर्तें और विस्तार
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 27 नवंबर 2024 को युद्ध विराम लागू हुआ था।
समझौते में इजरायल को 60 दिनों के भीतर लेबनान से हटना था और लेबनान सेना को दक्षिणी सीमा का नियंत्रण संभालना था।
युद्ध विराम समझौते को 18 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन अभी भी तनाव बना हुआ है।
लेबनान की सेना ने उन क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया है, जहां से इजरायल ने अपनी सेना हटा ली है।
भविष्य की संभावनाएं और क्षेत्रीय स्थिरता
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इजरायल पूरी तरह से वापसी नहीं करता है, तो संघर्ष फिर से भड़क सकता है।
हिजबुल्लाह और अन्य गुट इजरायल पर दबाव बनाए रख सकते हैं, जिससे तनाव बना रह सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश कर रहा है।
क्या इजरायल पूरी तरह से लेबनान से हटेगा, या यह संघर्ष फिर से बढ़ेगा? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।
इजरायल ने लेबनान के अधिकांश हिस्सों से अपनी सेना हटा ली है, लेकिन पांच रणनीतिक बिंदुओं पर अभी भी तैनात है।
हिजबुल्लाह ने इजरायल की आंशिक वापसी को खारिज किया और सेना की पूर्ण वापसी की मांग की।
युद्ध विराम समझौते को 18 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन क्षेत्र में अभी भी तनाव बना हुआ है।