“महिला हितैषी ग्राम पंचायत पहल: ग्रामीण विकास में नया कदम”
महिला हितैषी ग्राम पंचायत पहल: ग्रामीण विकास में नया कदम
“नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में पंचायती राज राज्य मंत्री प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पंचायती राज मंत्रालय की महिला हितैषी ग्राम पंचायत पहल की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य देश के हर जिले में कम से कम एक ऐसी ग्राम पंचायत स्थापित करना है, जो महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, समावेशिता और समानता सुनिश्चित करे।”
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
यह पहल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर शुरू की गई है और इसका लक्ष्य महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस पहल के माध्यम से गांवों में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा और उन्हें अधिक अवसर प्रदान किए जाएंगे।
ग्रामीण शासन पर स्थायी प्रभाव
महिला हितैषी ग्राम पंचायतों की स्थापना से देशभर की पंचायतों में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा। इससे महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे, जो ग्रामीण शासन में स्थायी परिवर्तन लाएगा।
प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ लक्ष्य की ओर एक कदम
इस पहल के तहत बनाई गई ग्राम पंचायतें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में योगदान देंगी। ये पंचायतें अधिक समावेशी, सुरक्षित और सामाजिक रूप से न्यायसंगत होंगी, जिससे ग्रामीण भारत में महिलाओं को अधिक अवसर मिलेंगे।
राष्ट्रव्यापी महिला ग्राम सभाओं का आयोजन
राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद, 8 मार्च 2025 को राष्ट्रव्यापी महिला ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर होगा और इसे महिला हितैषी ग्राम पंचायत पहल के जमीनी स्तर पर शुभारंभ के रूप में देखा जाएगा।
महिला हितैषी ग्राम पंचायतों के लाभ
- महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को मजबूत करना
- समान अवसरों को बढ़ावा देना
- स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं में सुधार
- महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना
- सामाजिक न्याय और समावेशिता को सुनिश्चित करना
निष्कर्ष
महिला हितैषी ग्राम पंचायत पहल ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल महिलाओं को सशक्त बनाएगा, बल्कि समावेशी और न्यायपूर्ण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी होगा। इस पहल के सफल क्रियान्वयन से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला नेतृत्व को मजबूती मिलेगी और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।