मत्स्य-6000 पनडुब्बी की वेट टेस्टिंग सफल, भारत के डीप ओशन मिशन में बड़ी उपलब्धि
“भारत की चौथी पीढ़ी की गहरे समुद्र में चलने वाली वैज्ञानिक पनडुब्बी मत्स्य-6000 ने कट्टुपल्ली पोर्ट पर वेट टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। यह डीप ओशन मिशन के तहत समुद्रयान परियोजना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।“
राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) द्वारा विकसित यह अत्याधुनिक पनडुब्बी तीन वैज्ञानिकों को 6000 मीटर गहराई तक ले जाने में सक्षम होगी। 2025 के अंत तक 500 मीटर की गहराई पर इसके परीक्षण किए जाएंगे।
मत्स्य-6000 पनडुब्बी की खासियत
🔹 डिजाइन और संरचना:
- 2.1 मीटर व्यास वाला गोलाकार पतवार, जो तीन वैज्ञानिकों को सुरक्षित रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- थ्री-डायमेंशनल नेविगेशन के लिए अत्याधुनिक थ्रस्टर्स।
- ऊर्जा आपूर्ति के लिए बैटरी बैंक और पुनः सतह पर लाने के लिए सिंटैक्टिक फोम तकनीक।
चार और नेविगेशन:
- मॉडेम और अंडरवाटर टेलीफोन जैसी संचार प्रणालियां।
- उच्च आवृत्ति तरंगों (VHF) के माध्यम से सतह से कनेक्टिविटी।
- जीपीएस और ध्वनिक स्थिति ट्रैकिंग से लैस, जिससे सटीक लोकेशन ट्रैकिंग संभव होगी।
सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था:
- जीवन-रक्षक प्रणालियों से लैस, जो अत्यधिक गहराई में सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करती हैं।
- आधुनिक समुद्र विज्ञान सेंसर, अंडरवाटर कैमरे और उन्नत प्रकाश व्यवस्था से युक्त।
500 मीटर गहराई में परीक्षण की तैयारी
27 जनवरी से 12 फरवरी 2025 के बीच, चेन्नई के पास कट्टुपल्ली पोर्ट पर वेट टेस्टिंग की गई।
शुष्क परीक्षणों की सफलता के बाद इसे पानी के अंदर परीक्षण के लिए भेजा गया।
इन परीक्षणों का उद्देश्य पनडुब्बी की स्थिरता, नियंत्रण प्रणाली और संचार नेटवर्क की मजबूती की जांच करना था।
परीक्षण में मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया गया:
बिजली और नियंत्रण नेटवर्क की मजबूती।
नेविगेशन और संचार क्षमताओं की जांच।
मानव सहायता और सुरक्षा प्रणाली की पुष्टि।
समुद्र विज्ञान सेंसरों और अन्य वैज्ञानिक उपकरणों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन।
परीक्षण में सभी जांच सफल, पांच बार मानव सहित किया गया परीक्षण
मत्स्य-6000 के परीक्षण के दौरान इसे पांच बार मानव रहित और पांच बार मानव सहित समुद्र की गहराई में उतारा गया।
मानव परीक्षण के दौरान जीवन समर्थन प्रणाली पूरी तरह विश्वसनीय साबित हुई।
इस प्रदर्शन से पुष्टि हुई कि यह गहरे समुद्र में अनुसंधान, खनिज अन्वेषण और अन्य वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए पूरी तरह सक्षम है।
मत्स्य-6000: भारत के डीप ओशन मिशन में नई क्रांति
मत्स्य-6000 पनडुब्बी भारत के डीप ओशन मिशन का एक प्रमुख हिस्सा है।
यह वैज्ञानिक अनुसंधान, समुद्री खनिज अन्वेषण और गहरे समुद्र में खोजबीन के लिए विशेष रूप से विकसित की गई है।
इससे भारत की महासागरीय शोध क्षमताओं में जबरदस्त वृद्धि होगी।
मत्स्य-6000 की सफल वेट टेस्टिंग भारत के महासागर अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। यह गहरे समुद्र में अन्वेषण, प्राकृतिक संसाधनों की खोज और समुद्री पारिस्थितिकी अध्ययन के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।