भारतीय एमएसएमई सेक्टर ने 15 महीनों में सृजित किए 10 करोड़ रोजगार के अवसर
“भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर ने पिछले 15 महीनों में 10 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित कर देश की अर्थव्यवस्था में एक नया आयाम जोड़ा है। यह उपलब्धि न केवल इस क्षेत्र की क्षमता को दर्शाती है, बल्कि भारत में रोजगार और आर्थिक विकास के प्रति इसके योगदान को भी उजागर करती है।”
एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार, इस सेक्टर ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे निर्माण, सेवा, कृषि आधारित उद्योगों और स्टार्टअप्स में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना और एमएसएमई के लिए लागू की गई विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एमएसएमई सेक्टर ने डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्किल डेवलपमेंट और लोकल इनोवेशन को अपनाकर अपनी कार्यक्षमता में सुधार किया है। इसके अलावा, महिलाओं और युवाओं को उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करने वाले कार्यक्रमों ने भी रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद की है।
सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें आसान ऋण प्रक्रिया और कर रियायतें शामिल हैं। इन उपायों से छोटे और मध्यम उद्योगों को न केवल विस्तार करने का मौका मिला, बल्कि उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के नए द्वार खोले हैं।
यह सफलता भारत की आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एमएसएमई सेक्टर की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि यह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है और आने वाले समय में भी रोजगार और विकास के लिए एक प्रमुख स्रोत बना रहेगा।