एनसीसी कैडेट्स माउंट एवरेस्ट चढ़ाई कर लहराया तिरंगा, रक्षा मंत्री ने दी बधाई
“नेशनल कैडेट कोर (NCC) की एक युवा टीम ने माउंट एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई कर भारत का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है। इस असाधारण अभियान में पांच युवक और पांच युवतियां शामिल थीं, जिनकी औसत आयु केवल 19 वर्ष है। सबसे कम उम्र की कैडेट की उम्र मात्र 16 वर्ष रही। गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दल को सम्मानित करते हुए 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।“
माउंट एवरेस्ट: साहस, धैर्य और संकल्प की परीक्षा
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.86 मीटर है और यह विश्व की सबसे ऊंची चोटी है। इतनी ऊंचाई पर पर्वतारोहण न केवल शारीरिक बल, बल्कि मानसिक साहस और अनुशासन की भी परीक्षा लेता है। एनसीसी कैडेट्स ने यह दिखा दिया कि भारत का युवा किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।कैसे हुई इस अभियान की शुरुआत
लंबी योजना, कठिन प्रशिक्षण
- इस चढ़ाई के लिए कई महीनों तक प्रशिक्षण दिया गया
- जलवायु सहनशीलता, ऑक्सीजन की कमी और ऊंचाई पर ट्रैकिंग जैसी कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए विशेष तैयारियां की गईं
- अभियान को रक्षा मंत्रालय और एनसीसी महानिदेशालय का पूर्ण समर्थन मिला
एनसीसी कैडेट्स माउंट एवरेस्ट चढ़ाई के लिए कठिन प्रशिक्षण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया सम्मानित
एक विशेष कार्यक्रम में:
- रक्षा मंत्री ने टीम को 10 लाख रुपये का चेक प्रदान किया
- उन्होंने कहा, “आपने अनुशासन, साहस और संयम की मिसाल पेश की है।”
- उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया
“देश के युवाओं ने साबित किया है कि वे माउंट एवरेस्ट जैसी ऊंचाइयों को भी छू सकते हैं। यह नया भारत है – निडर, प्रतिबद्ध और विजयी।”
टीम की विशेषताएं: युवाओं की ताकत का परिचय
उम्र नहीं, हौसला मायने रखता है
- औसत उम्र: 19 वर्ष
- सबसे युवा सदस्य: 16 वर्षीय कैडेट
- टीम में युवकों और युवतियों की समान भागीदारी
- पर्वतारोहण के दौरान -40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान, तेज बर्फीली हवाएं और कम ऑक्सीजन जैसी परिस्थितियां
इन कठिन परिस्थितियों में भी कैडेट्स ने देश के झंडे को एवरेस्ट की चोटी पर फहराया।
संघर्ष और विजय की प्रेरणादायक कहानियाँ
कार्यक्रम में जब कैडेट्स ने अपने अनुभव साझा किए, तो सभी श्रोताओं ने गर्व महसूस किया:
- “हमें सबसे पहले सांस की कमी का सामना करना पड़ा, लेकिन हमने हार नहीं मानी।”
- “हर कदम पर हमें टीम वर्क और अनुशासन ने संभाला।”
- “हमारी तैयारी हमें हर मुश्किल से उबारती रही।”
रक्षा मंत्री ने की एनसीसी की सराहना
राष्ट्र निर्माण में भूमिका
राजनाथ सिंह ने कहा:
- “एनसीसी केवल एक कैडेट प्रोग्राम नहीं है, यह राष्ट्र निर्माण का आधार है।”
- “एनसीसी युवाओं में देशभक्ति, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता जैसे गुणों को विकसित करता है।”
- “आप जैसे युवाओं पर देश को गर्व है।”
युवाओं के लिए प्रेरणा बनी एनसीसी की टीम
यह सफलता सिर्फ एक पर्वतारोहण नहीं, बल्कि भारत के युवाओं की नई सोच और आत्मविश्वास का प्रतीक है। एनसीसी की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मन में साहस हो, तो माउंट एवरेस्ट जैसी ऊँचाइयाँ भी छोटी लगती हैं।