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ऑपरेशन सिंदूर: ब्रह्मोस को “गेम-चेंजर” करार, भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीति में सफलता

भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इस्तेमाल किए गए स्वदेशी और विदेशी हथियारों के बेहतरीन संयोजन की सराहना की है। उन्होंने विशेष रूप से स्वदेशी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को “गेम-चेंजर” करार दिया, जो इस ऑपरेशन की सफलता का प्रमुख कारण बनकर सामने आई।

ऑपरेशन सिंदूर: एक सटीक और प्रभावी रणनीति

राजेश कुमार सिंह ने एएनआई को दिए एक विशेष इंटरव्यू में बताया, “हमने विदेशी और स्वदेशी हथियारों का प्रभावी मिश्रण इस्तेमाल किया। स्वदेशी हथियारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, और ब्रह्मोस ने तो अद्भुत काम किया। आप इसे एक गेम-चेंजर कह सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन के दौरान हथियारों के विभिन्न प्रकारों का तालमेल और सेना की समन्वित रणनीति बेहद सफल रही।

ब्रह्मोस के अलावा, आकाश मिसाइल ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। इसके साथ ही, पुराने एयर डिफेंस सिस्टम्स को रेडार से अपग्रेड करके ड्रोन और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों के खिलाफ उनकी क्षमता को बेहतर बनाया गया। इसने ऑपरेशन की सफलता को और पक्का किया।

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना

भारत ने 7 मई 2025 की सुबह पाकिस्तान और पीओजेके (पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और पाकिस्तान की आक्रामकता का करारा जवाब देते हुए उसके एयरबेस पर भी हमले किए।

रक्षा आधुनिकीकरण में बढ़ोतरी और बजट के उपयोग पर जोर

रक्षा सचिव ने रक्षा आधुनिकीकरण बजट में पिछले 10 वर्षों में औसतन 7% की बढ़ोतरी का उल्लेख किया और कहा कि असल चुनौती इस बजट को पूरी तरह खर्च कर पाने की रही है। उन्होंने बताया, “कई वर्षों में हमें बजट का पैसा वापस करना पड़ा, लेकिन इस साल हमने पूरा संशोधित बजट (RE) उपयोग कर लिया।” उन्होंने यह भी बताया कि इस साल 2 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट साइन किए गए, जो अब तक के किसी भी साल से दोगुना है। पिछले साल यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ था।

मेक इन इंडिया पहल और स्वदेशी रक्षा उत्पादन की वृद्धि

राजेश कुमार सिंह ने “मेक इन इंडिया” पहल के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन में असाधारण वृद्धि का उल्लेख किया। वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा उत्पादन का आंकड़ा ₹1.27 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड है। भारत की मजबूत रक्षा औद्योगिक क्षमता में 16 डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (DPSUs), 430 से ज्यादा लाइसेंस प्राप्त कंपनियां और करीब 16,000 एमएसएमई शामिल हैं, जो स्वदेशी उत्पादन को मजबूती दे रहे हैं। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है।

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीति और तकनीकी क्षमता ने स्पष्ट रूप से साबित कर दिया कि स्वदेशी और विदेशी हथियारों का संयोजन कितना प्रभावी हो सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल ने इस ऑपरेशन को “गेम-चेंजर” बना दिया, और इससे यह सिद्ध हुआ कि भारत अपनी स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के जरिए पूरी दुनिया में अपनी रक्षा शक्ति को मजबूत कर रहा है। रक्षा सचिव ने मेक इन इंडिया की सफलता को भी उजागर किया, जो भारत को एक वैश्विक रक्षा महाशक्ति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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